सुखी वही है जो कर्जदार नहीं है-पं. अरुण पंडित कौडिन्य
- शर्मा नगर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान महाराज ने विदुर प्रसंग सुनाया
मेरठ।शर्मा नगर में लक्ष्मी नारायण भगवान मंदिर मानव गीता भवन में मानव गीता समिति व महिला मंडल सेवा समिति द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सहारनपुर से आए कथा व्यास पंडित अरुण पंडित कोडिन्य ने विदुर प्रसंग सुनाया।
उन्होंने कहा भगवान भक्त के प्रेम भाव के भूखे होते हैं। विदुर प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की व्याकुलता के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया। महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण विदुर जी की कुटिया में भोजन करने गए और वहां केले के छिलकों का भोग स्वीकारा. इससे पहले वे दुर्योधन के महल में छप्पन भोग का त्याग कर आए थे. भगवान तो प्रेम के भूखे होते हैं और विदुर-विदुरानी ने भगवान को प्रेम से भोजन करवाया तो उन्होंने केले के छिलके भी प्रेम से खा लिए। उन्होंने कहा कि विदुर के अनुसार कलियुग में वही व्यक्ति सुखी है जो कर्जदार नहीं है। कर्ज लेने वाला व्यकित हमेशा दुखी और चिंतित रहता है ।उसके जीवन में तनाव बना रहता है। उसके दिन का चैन और रात की नींद छिन जाती है। व्यक्ति को सदैव कर्ज लेने से बचना चाहिए. कर्ज लेने वाले व्यक्ति का आत्मविश्वास रसातल में चला जाता है. वह कभी भी प्रसन्न नहीं रहता है. घर परिवार में कंलक पैदा हो जाती है. घर में अशांति का वातावरण बनने लगता है. कर्ज लेते समय तो अच्छा लगता है. लेकिन जब उसे लौटाने का समय आता है तो
व्यक्ति अपने आप को असहाय महसूस करने लगता है. कर्ज देने वाले के तानों को भी सुनना पड़ता है. कर्ज एक रोग है. इस रोग से व्यक्ति को सदैव अपने आप को सुरक्षित रखना चाहिए.
आय से अधिक व्यय नहीं करना चाहिए
उन्होंने कहा जो व्यक्ति आय से अधिक व्यय करते हैं उन्हें नष्ट होने से कोई नहीं बचा सकता है. जो व्यक्ति व्यय करते समय इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं वे आगे चलकर दुखों को उठाते हैं। आय श्रम से उत्पन्न होता है। जिस चीज में श्रम लगता है उसे बड़े ही सहेज कर रखना चाहिए। ये पूंजी कहलाती है. जो इस बात को भूलकर भोग विलास में इसे खर्च करने लगते हैं उन्हें समय आने पर संकटों का सामना करना पड़ता है।आय या पूंजी के महत्व को समझना चाहिए। ये बुरे वक्त में मदद के काम आती है। जरूरत पड़ने पर मदद करती है। इसलिए इसका व्यय बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए। आज महाराज ध्रुव चरित्र, अजामिल कथा, प्रहलाद कथा, श्री वामन अवतार की कथा सुनाएंगे. कथा में मुख्य रूप से बीएल शर्मा, गुलशन सचदेवा, हरीश बंगा, रचित गुलाटी, महेश शर्मा, किरण कटियार, राजकुमार, शांति गुलाटी आदि का सहयोग रहा।
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