निक्षय पोषण योजना : डीबीटी के लिए जिले को शासन से मिले 2.18 करोड़
- 5133 क्षय रोगियों को 77.23 लाख का भुगतान किया गया
- एक सप्ताह में पूरा पैसा पहुंचेगा क्षय रोगियों के खाते में
- हर माह पोषण राशि के दिए जाते हैं पांच सौ रुपए
गाजियाबाद, 03 जनवरी, 2024। क्षय रोगियों को पोषण सहायता उपलब्ध कराने के लिए शासन से जिले को 2.18 करोड़ रुपए का बजट प्राप्त हुआ है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया - इस धनराशि में से 5133 क्षय रोगियों के बैंक खातों में 77.23 लाख की राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से भेज दी गई है। एक सप्ताह में पूरी धनराशि क्षय रोगियों के बैंक खातों में भेज दी जाएगी। भेजी गई राशि में 2022 की बकाया राशि भी शामिल है। वर्ष 2023 के अंत तक जिले के 70 प्रतिशत क्षय रोगियों को डीबीटी का भुगतान कर दिया गया था। जिले में निजी और पब्लिक सेक्टर में 18 हजार से अधिक क्षय रोगी उपचाराधीन हैं।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया - टीबी की नियमित दवाओं के साथ क्षय रोगी को उच्च प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार लेने की जरूरत होती है। दरअसल टीबी संक्रमण से मृत कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। इसलिए क्षय रोगी को नियमित दवाओं के साथ पर्याप्त प्रोटीन मिलने से उसकी रिकवरी तेज हो जाती है और क्षय रोगी जल्दी ठीक होने लगता है। क्षय रोगियों को हर माह पोषण सहायता राशि के साथ ही समाज के समर्थ लोगों को निक्षय मित्र बनाकर पुष्टाहार प्रदान कराने का भी यही उद्देश्य है। वर्ष- 2023 में जिले में करीब पांच हजार क्षय रोगियों को निक्षय मित्रों का कवच उपलब्ध कराया गया। सीएमओ ने आह्वान किया है कि समाज के अन्य सामर्थ्यवान लोग भी इस कार्य के लिए आगे आएं और टीबी मुक्त भारत अभियान में सहयोगी बनें।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. अमित विक्रम ने बताया - क्षय रोगियों को पोषण सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने अप्रैल, 2018 में निक्षय पोषण योजना शुरू की थी। क्षय रोग का उपचार जारी रहने तक हर क्षय रोगी को निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपए की राशि पोषण सहायता के रूप में प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे रोगी के बैंक खाते में भेजी जाती है। निक्षय पोषण योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए रोगी का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है। रोगी को पोषण सहायता प्राप्त करने के लिए अपने बैंक पासबुक की कॉपी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर देना होता है।
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