एक फरवरी को बच्चों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने वाली दवा
जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में एक से 19 वर्ष तक के 6.27 लाख बच्चे और किशोर-किशोरियां खाएंगे एल्बेंडाजोल
छूटे बच्चों के लिए पांच फरवरी को आयोजित किया जाएगा मॉप अप राउंड
हापुड़, 25 जनवरी 2024। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत एक से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी। इस संबंध में बृहस्पतिवार को प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष दिशा -निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया - जनपद में एक से 19 वर्ष तक के 6.27 लाख बच्चे और किशोर-किशोरियों को एक फरवरी को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेट के कीड़े (कृमि) निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी। उस दिन दवा खाने से छूटे बच्चों के लिए पांच फरवरी को मॉप अप राउंड का आयोजन किया जाएगा। बच्चों को दवा कैसे और कितनी दी जाएगी, इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों और आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है।
सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया- एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली पानी से खिलाई जाती है जबकि दो से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों को एक गोली खिलाई जाती है। उन्होंने कहा- खाली पेट गोली नहीं खानी चाहिए, इसलिए अभिभावक बच्चे को कुछ खिलाकर भेजें और अच्छे से टिफिन जरूर दें। सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के बाद ही गोली खिलाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई बच्चा बीमार है तो उसे यह गोली न खिलाएं। स्वास्थ्य विभाग की टीम, प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनबाड़ी- आशा कार्यकर्ता यह गोली अपने सामने खिलाएंगी। स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी बच्चे को ले जाने के लिए गोली नहीं देनी है।
अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग और समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से एक से पांच साल तक के बच्चों को जनपद के 887 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा खिलाई जाएगी, जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम 1323 स्कूलों में छह से 19 साल तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को शिक्षकों की मदद से दवा खिलाएंगी।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर डा. मयंक चौधरी ने बताया - छोटे बच्चों को गोली निगलने में परेशानी हो सकती है, इसलिए ऐसे बच्चों को गोली पीसकर खिलाई जाती है। शासन से निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद यह गोली दी जाए, क्योंकि खाली पेट गोली खाने की मनाही है। यह गोली किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होती, लेकिन फिर भी प्रशिक्षित की निगरानी में ही बच्चों को गोली खिलाई जाती है। उन्होंने बताया - पेट के कीड़े निकालने की दवा साल में दो बार खानी जरूरी होती है। इससे बच्चों को पेट के कीड़ों से तो मुक्ति मिलती ही है, कुपोषण और एनीमिया का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है और बच्चे सेहतमंद रहते हैं।
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