राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने के लिए सीडीओ ने ली अंर्तविभागीय बैठक 

 मेरठ। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 1 फरवरी, 2024 को सफल बनाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी, सुश्री नुपूर गोयल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अर्न्तविभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गयी। मुख्य विकास अधिकारी,  द्वारा समस्त विभागो को निर्देशित किया गया कि आपस में समन्वय बनाते 1 फरवरी, के राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनायें। इस कार्यक्रम में आगनबाडी कार्यकत्री एवं अध्यापको तथा आशाओं की अहम भूमिका होगी।

मुख्य विकास अधिकारी,  द्वारा समस्त चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करे एवं 1 फरवरी,  को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्धघाटन जन प्रतिनिधियों द्वारा करवायें। ग्राम स्तर पर उपलब्ध साउन्ड सिस्टम से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का प्रचार-प्रसार करवायें जिससे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाया जा सकें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा. अखिलेश मोहन के द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति  1 फरवरी,2024 को एवं मॉपअप राउण्ड 5 फरवरी, 2024 को किया जायेगा। जनपद मेरठ का लक्ष्य 1760309 है। इस अभियान हेतु ब्लॉक स्तर पर आई.ई.सी. सामग्री तथा एलबेडाजॉल टैबलेट लक्ष्य के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक एवं यू.पी.एच.सी. को उपलब्ध करा दी गयी हैं।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आर.सी.एच. डा. कान्ती प्रसाद ने बताया कि कृमि तीन प्रकार के होते है जिसमें हुक कृमि, व्हिप कृमि, राउण्ड कृमि होते हैं। इनका उपचार केवल सुरक्षित और लाभकारी डीवॉर्मिंग टैबलेट (एल्बेंडाजोल) का उपयोग करके किया जा सकता है।

एलबेडाजॉल खिलाने का तरीका-

1-2 साल के बच्चों को आधी गोली खिलाएं। गोली को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही खिलाएं।

2-3 साल के बच्चों को एक पूरी गोली खिलाएं। गोली को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही खिलाएं।

• 3-19 साल के बच्चों को हमेशा दवाई चबा कर खाने की सलाह दें एवं पीने का पानी साथ रखें।

• आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने ही चम्मच से हर बच्चे को दवाई खिलाएं व दवाई घर ले जाने ना दें।

उक्त बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग (ICDS), शहरी विकास विभाग, ग्रामीण विकास का विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, एविडेंस एक्शन, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, यूनिसेफ, यू.पी.टी.एस.यू. के प्रतिनिधि एवं नोडल अधिकारी एन.डी.डी, डी.सी.पी.एम. एवं समस्त चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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