एक फरवरी को बच्चों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने वाली दवा : सीएमओ
एक से 19 वर्ष के 17 लाख बच्चे और किशोर-किशोरियां खाएंगे एल्बेंडाजोल
छूटे बच्चों को मॉप अप राउंड में पांच फरवरी को खिलाई जाएगी गोली
गाजियाबाद, 24 जनवरी 2024। जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत एक से 19 वर्ष तक के 17 लाख बच्चों और किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया - एक फरवरी को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों और किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने वाली दवा (एल्बेंडाजोल) खिलाई जाएगी। उस दिन दवा खाने से छूटे बच्चों के लिए पांच फरवरी को मॉपअप राउंड का आयोजन किया जाएगा। बच्चों को दवा कैसे और कितनी दी जाएगी इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाओं आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया- एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली पानी से खिलाई जाती है जबकि दो से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों को एक गोली खिलाई जाती है। उन्होंने कहा- गोली खाली पेट नहीं खानी चाहिए, इसलिए अभिभावक बच्चे को कुछ खिलाकर भेजें और अच्छे से टिफिन जरूर दें। यदि कोई बच्चा बीमार है तो उसे यह गोली नहीं खानी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम, प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनबाड़ी- आशा कार्यकर्ता यह गोली खुद अपने सामने खिलाएंगी, अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग और समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। संबंधित विभागों को अभियान शुरू करने से पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सीएमओ ने कहा - छोटे बच्चों को गोली निगलने में परेशानी हो सकती है, इसलिए ऐसे बच्चों को गोली पीसकर खिलाई जाती है। शासन से निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद यह गोली दी जाए, क्योंकि खाली पेट गोली खाने की मनाही है। यह गोली किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होती, लेकिन फिर भी प्रशिक्षित की निगरानी में ही बच्चों को गोली खिलाई जाती है।
उन्होंने बताया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से एक से पांच साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा खिलाई जाएगी, जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में छह से 19 साल तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को शिक्षकों की मदद से दवा खिलएगी। गौरतलब है कि पेट के कीड़े निकालने की दवा साल में दो बार खानी जरूरी है। इससे बच्चों को पेट के कीड़ों से तो मुक्ति मिलती है साथ कुपोषण और एनीमिया का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।
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