नए मौकों का स्किल है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

- विजय गर्ग
अगर अध्ययनों की मानें, तो लिंक्डइन की एक रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि एआई के कारण वैश्विक स्तर पर नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल 2030 तक कम से कम 65% बदल जाएंगे। वहीं बड़ी कंपनियों के एक सम्मिलित सर्वेक्षण में एआई और मशीन लर्निंग में विशेषज्ञता शीर्ष के दो सबसे तेजी से बढ़ते जॉब रोल के तौर पर सामने जाए हैं। भारत की बात करें, तो बीते दो सालों में भारत और इसके जैसे देशों में एआई या जेनरेटिव एआई का उल्लेख करते हुए की गई जॉब पोस्टिंग में दोगुने की वृद्धि देखी गई है। इसकी अहमियत को इस बात से समझिए कि अब स्कूली पढ़ाई के दौरान भी एआई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में जो युवा ग्रेजुएशन करने जा रहे हैं और विशेषज्ञता क्षेत्र के बारे में उलझन में हैं, या अपस्किलिंग करना चाह रहे हैं या जॉब स्विच करना चाह रहे हैं, एआई का क्षेत्र, उससे संबंधित नए कौशलों को सीखना रणनीतिक और फायदेमंद कदम होगा।
क्या हैं एआई के स्किल्स
मशीन लर्निंग (एमएल): एमएल में विशेषज्ञता की बहुत अधिक मांग है। डीप लर्निंग, रिइन्फोर्समेंट लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) में यह कौशल विशेष रूप से उपयोगी साबित होता है। लेख लिखते समय सर्च करने पर लिंक्डइन पर 16000, इनडीड पर 8000 एमएल इंजीनियर की जॉब पोस्टिंग दिखाई दीं। डेटा साइंस एआई मॉडल्स में डेटा फीड करने की जरूरत होती है। उसके लिए डेटा रंगलिंग एनालिसिस और विजुअलाइजेशन महत्वपूर्ण होते हैं और उनके विशेषज्ञों की जरूरत होती है। क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे-जैसे एआई मॉडल अधिक जटिल होते जा रहे हैं, प्रशिक्षण और उनके व्यावहारिक उपयोग के लिए क्लाउड प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने की क्षमता तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है। इसीलिए एडब्लूएस, एजूर्स और जीसीपी जैसे प्लेटफॉर्म में स्किल की मांग बढ़ी है। जेनरेटिव एआई: चैटजीपीटी और डेल-ई 2 जैसे टूल के आने के साथ ही क्रिएटिव कंटेंट बनाने, मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट के लिए जेनरेटिव एआई मॉडल के उपयोग और मैनेजमेंट से संबंधित स्किल्स के लिए भी मार्केट तैयार हुआ है।
क्या भूमिकाएं होंगी मांग में
प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस, जैसे पायथन, आर और जूलिया के जानकारों की ज्यादा से ज्यादा जरूरत होगी। वहीं, रोबोटिक्स एवं एआई इंजीनियर, डेटा एनालिस्ट मैनेजर, एमएल इंजीनियर, डेटा इंजीनियर आदि की भूमिकाएं अहम हो जाएंगी। इसके साथ ही कुछ उभरती हुई भूमिकाएं हैं। बिजनेस इंटेलिजेंस इंजीनियर एक बिजनेस इंटेलिजेंस (बीआई) इंजीनियर डेटासेट के विभिन्न फीचर्स में पैटर्न और आपसी निर्भरता को देखने में प्रशिक्षित होता है। योग्यता : इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान या संबंधित क्षेत्रों में शैक्षिक पृष्ठभूमि, डेटा: एनालिसिस में व्यावहारिक अनुभव और वेब- आधारित टूल से परिचित होना जरूरी होगा। एआई सॉफ्टवेयर इंजीनियर एआई एप्लीकेशंस का आर्किटेक्चर आमतौर पर एआई सॉफ्टवेयर इंजीनियर तैयार करते हैं।


 योग्यता: प्रोग्रामिंग और एनालिटिकल स्किल के साथ संबंधित क्षेत्रों में स्नातक की डिग्री आवश्यक है। वहीं एआई या डेटा साइंस में सर्टिफिकेट से नौकरी की संभावनाएं बेहतर होंगी। प्रॉम्प्ट इंजीनियर/रिसर्चर प्रॉम्प्ट इंजीनियर मुख्य रूप से एआई के बनाए टेक्स्ट को विकसित और परिष्कृत करते हैं, जिससे एआई मॉडल उपयोगकर्ता के निर्देशों पर सटीक और सार्थक प्रतिक्रिया दे सके ।
(सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य मलोट)

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