डीएवी के विद्यार्थियों ने 75वें गणतंत्र दिवस पर दिखाया जोश

 सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर छात्रों ने कार्यक्रम में बांधा समा 

 मेरठ। डीएवी सैंटेनरी पब्लिक स्कूल, मेरठ में 75 वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस विशिष्ट अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद के सदस्य  धर्मेंद्र भारद्वाज तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अल्पना शर्मा (क्षेत्रीय अधिकारी डीएवी यूपी जोन ए) उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय गीत के गायन द्वारा किया। डीएवी के एनसीसी कैडेट्स ने लहराते हुए तिरंगे, मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि को सैल्यूट कर मार्च पास्ट करते हुए भारत की सौहाद्रता को परिलक्षित किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें नई ऊर्जा का प्रतीक नई पौध, शॉल तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।



नन्हे छात्रों ने राष्ट्र को समर्पित करते हुए उत्साह पूर्ण गीत 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' की प्रस्तुति कर अपने राष्ट्र को अपना  राष्ट्रमयी अभिवादन दिया। कक्षा तीसरी से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों ने 'नए भारत का चेहरा' गीत पर अभूतपूर्व नृत्य प्रदर्शन करते हुए गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर राष्ट्र के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया। कक्षा तीसरी तक के विद्यार्थियों ने 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना को चरितार्थ करते हुए भिन्न-भिन्न राज्यों को परिलक्षित करते हुए नृत्य की प्रस्तुति की। विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति सम्मान की अभूतपूर्व भावना परिलक्षित हो रही थी। कक्षा यू के जी की 'सारा' ने देश के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुए स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया।

मुख्य अतिथि  धर्मेंद्र भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि मैं बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं कि मुझे डीएवी के प्रांगण में ध्वजारोहण करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। आज हमारा राष्ट्र देश- विदेश में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है और मुझे गर्व है कि मैं एक भारतीय हूं और मैंने भारत देश में जन्म लिया है।

डॉ अल्पना शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश समता, सद्भावना, साहस का प्रतीक है। हमें अपने आप को गौरवान्वित अनुभव करना चाहिए कि हमने इस मिट्टी में जन्म लिया है। भारत 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना से परिपूर्ण है, इसी भावना के फल स्वरुप आज हमारी एक अलग पहचान है। हमें अपने भारतीय होने पर नाज़ है। हमें यह प्रयत्न करना चाहिए कि  कुछ अलग करें और अपने देश को एक अलग पहचान प्रदान करने का प्रयास करें। उन्होंने विद्यार्थियों को 75वें राममयी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं प्रदान कीं तथा उनके भावी भविष्य के लिए उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।

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