किसी भी समस्या का समाधान शिक्षा है: डॉक्टर अतुल कोठारी
भोगवादी जीवनशैली ने पर्यावरण की समस्या पैदा की है
पर्यावरण को जीवन में लाने से होगा समाधान
मेरठ। किसी भी समस्या का समाधान इच्छा है शिक्षा किसी भी देश की स्थाई नव होती है उसी से सभी समस्याओं का समाधान होता है यदि पर्यावरण का संरक्षण करना है उसे अपनी जीवन शैली में लाना होगा तभी हम पर्यावरण का संरक्षण पाएंगे पर्यावरण को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है सब समस्या तो बताते हैं लेकिन समाधान पर कोई चर्चा नहीं करता। यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर अतुल कोठारी ने कार्यक्रम के दौरान कही।
डॉ अतुल कोठारी ने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी समस्याएं हैं एक आतंकवाद और दूसरा पर्यावरण का संकट है समस्याएं सब जानते हैं। पर्यावरण और शरीर दोनों ही पांच तत्वों से मिलकर बने हैं हमने पर्यावरण से छेड़छाड़ की है तो इसका समाधान भी हमें ही करना होगा समस्या से भाग कर समाधान कभी नहीं मिलेगा उन्होंने कहा कि पर्यावरण पर संकट हमारी भोगवादी जीवन शैली ने डाला है हम लोग महत्वाकांक्षी हो गए हैं पर्यावरण को जीवन व्यवहार में लाना होगा तभी इसका समाधान होगा पर्यावरण मित्र के साथ-साथ हम लोगों को पर्यावरण प्रहरी भी बनना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में हर वर्ष 24 लाख लोग पर्यावरण की समस्या से मर जाते हैं पर्यावरण संकट सभी पर प्रभाव डाल रहा है छोटे-छोटे प्रयोग करके हम पर्यावरण को बचा सकते हैं।
पर्यावरण समाधान पुरस्कार समारोह के अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ की साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद् के तत्त्वावधान में संगोष्ठी - ‘‘सांस्कृतिक मूल्यों में निहित पर्यावरण समाधान - संभावित नवाचार’’ कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के अटल सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ माँ शारदा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति एवं कार्यक्रम अध्यक्षता प्रो संगीता शुक्ला उपस्थित रहीं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचारों से छात्रों को अवगत कराया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रद्वेय डॉ अतुल कोठारी (राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास) उपस्थित रहे। जिन्होने पर्यावरण संरक्षण से स्वास्थ और विश्व की रक्षा के महत्त्वपूर्ण 20 बिन्दुों के बारे में छात्रों को अवगत कराया व बताया कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे पर्यावरण संकट को दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम में अतिथि डॉ उमेश शुक्ला (शिक्षण प्रमुख, पीएसजी) ने भी पर्यावरण संरक्षण पर योजनानुसार कार्य किया जा सकता है के बारे में अपने विचारों से अवगत कराया। एवं आदित्य झा (दिल्ली प्रवक्ता) ने भी पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुत किए। साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद् समन्वयक एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रो नीलू जैन गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रो मृदुल कुमार गुप्ता, कुलानुशासक एवं शोध निदेशक प्रो बीरपाल , विभागाध्यक्ष भौतिकी प्रो अनिल कुमार मलिक, प्रो शिवराज , प्रो दिनेश कुमार, प्रो एस.एस. गौरव , प्रो आराधना, डॉ0 शिवम , डॉ लक्ष्मण नागर , डॉ सुदेश कुमार शुक्ला प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता,एवं समस्त शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण, धर्मेन्द्र कुमार, अमरपाल , परिषद् स्टाफ दीपक त्यागी तथा छात्र साहित्यिक-सांस्कृतिक क्लब के समस्त छात्र पवन चौधरी, रितेश, शिवम, अनित, शुभम आदि का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। मंच संचालन डॉ अपेक्षा चौधरी एवं रमिता मलिक के द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में विश्वविद्यालय एवं बाहर से आये छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में लगभग 170 छात्रों ने अपनी सहभागिता की कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।
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