राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
मेरठ। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के उपलक्ष में आईआईएमटी विश्वविद्यालय में इंडियन वॉटर रिसोर्स सोसायटी आईआईटी रुड़की के आईआईएमटी स्टूडेंट चैप्टर के सौजन्य से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आईआईएमटी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ दीपा शर्मा ने कहा कि प्रदूषण एक विश्वव्यापी समस्या है व इसका निदान सभी के प्रयासों से ही संभव है।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि इंडियन वॉटर रिसोर्स सोसायटी के लोकल सेंटर अध्यक्ष इंजीनियर श्रीकृष्ण कुमार ने जल प्रदूषण पर अतिथि व्याख्यान देते हुए कहा की वैश्विक जनसंख्या वृद्धि व जलीय स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग करने से समस्या में वृद्धि हो रही है। कन्वेयर इंजीनियर बीडी शर्मा ने जल प्रदूषण से होने वाले नुकसानों, जलवायु परिवर्तन और अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन के विषय में जानकारी दी। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च डॉ अतुल अग्रवाल ने जल की उपयोगिता व प्रबंधन पर अपने विचार प्रस्तुत किये। स्कूल आफ लाइफ साइंस के डीन डॉक्टर नवदीप शर्मा ने बताया की किस प्रकार शोध क्षेत्र में जल प्रदूषण व निदान पर शोध पत्र प्रकाशित किया जा सकते हैं।
संगोष्ठी की समन्वयक डॉ शुभा द्विवेदी ने बताया कि आईडब्लूआरएस के स्टूडेंट चैप्टर के द्वारा विश्वविद्यालय में विभिन्न गतिविधियां समय-समय पर आयोजित की जाएंगी। उन्होंने स्टूडेंट चैप्टर के समस्त पदाधिकारी को शपथ दिलाई। सभी सदस्यों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। संगोष्ठी के सफल आयोजन पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता ने शुभकामनाएं दीं। संगोष्ठी के सफल आयोजन में डॉक्टर संयुक्ता, डॉ श्लोक, आयुषी, खुशी, खुशहाली, आकांक्षा, प्रथम, उज्जवल, तौफीक आदि का योगदान रहा।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के बेसिक साइंस विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के उपलक्ष्य में डिबेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रा इनब रिजवी, हिमांशी शर्मा व अन्य विद्याथिर्यों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ सुरभि आर्य तथा डॉ उपासना यादव रहे।
वहीं आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ नर्सिंग द्वारा पौधरोपण किया गया। डा0 वरूण तोषनिवाल ने विद्यार्थियों को पौधों के विषय में जानकारी दी। शिक्षिक जेबा व साहिल ने कार्यक्रम का संचालन किया। निधि, केतन, रविकांत, राहुल, राकेश, श्वेता, अंजू, निधि नैन आदि मौजूद रहे।
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