आज संपूर्ण प्रगतिशील आंदोलन इक़बाल से प्रभावित है। : आरिफ नकवी
हयात जावेद के उदाहरण इक़बाल के भाषण में मिलते हैं। : प्रो. उबेदुर्रहमान हाशमी
उर्दू विभाग और इंटरनेशनल यंग उर्दू स्कॉलर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में साप्ताहिक संगोष्ठी 'अदब नुमा' के अन्तर्गत "समसामयिक समय में इकबाल का महत्व" विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजित किया गया।
मेरठ।अपने अध्यक्षीय भाषण में जर्मनी के मशहूर लेखक और शायर आरिफ नकवी ने कहा कि "आज पूरा प्रगतिशील आंदोलन इक़बाल से प्रेरित है। इक़बाल ने न केवल प्रगतिशील कवियों को बल्कि आज के प्रगतिशील कवियों को भी रास्ता दिखाया है। इक़बाल की जिंदगी पर गौर करें तो उनकी शायरी में बदलाव, बदलाव नहीं बल्कि दौरों की अभिव्यक्ति हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत सईद अहमद सहारनपुरी की पवित्र कुरान की तिलावत से हुई। हादिया नात एम.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा फरहत अख्तर द्वारा प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम का संयोजन उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. असलम जमशेदपुरी ने किया। मुख्य अतिथि प्रो. काजी उबेदुर्रहमान हाशमी (पूर्व अध्यक्ष,उर्दू विभाग, जेएमयू, दिल्ली) ने कहा उबेदुर्रहमान हाशमी ने कहा कि "बंग-दारा" और बाल-ए-जबरील" इकबाल का सार हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेने वाले प्रो. अबू सुफियान, . एएमयू ,अलीगढ़ ने कहा कि सैयद मीर हसन और अर्नाल्ड ने इकबाल को महान बनाने का अनोखा काम किया है। इकबाल का जन्मस्थान सियालकोट है। जब हम इक़बाल के अर्थ की बात करते हैं तो हमें उनके घर, सिंहासन और झूले आदि पर भी नज़र डालनी चाहिए। जब तक उनकी दीवार में मौजूद बौद्धिक तत्वों का अध्ययन नहीं किया जाता तब तक हम उनके शब्दों के अर्थ को संक्षेप में प्रस्तुत नहीं कर सकते। इकबाल एक विचारक, संदेशवाहक और दार्शनिक भी थे। इस अवसर पर डॉ. के.पी. शम्सुद्दीन (केरल), डॉ. गज़नफर इकबाल,( गुलबरगा, कर्नाटक)और डॉ. आमीर नज़ीर डार, (कश्मीर) ने शोथलेखकों के रूप में भाग लिया। स्वागत भाषण एम. ए द्वितीय वर्ष की छात्रा लाइबा ने, संचालन द्वितीय वर्ष की छात्रा नुज़हत अख्तर ने और धन्यवाद ज्ञापन शोध छात्र शाह-ए ज़मन ने किया।विषय का परिचय देते हुए डॉ. इरशाद स्यानवी ने कहा कि अल्लामा इकबाल के विचार और कला के दोनों पहलू शोध और आलोचना के केंद्र हैं। जो उर्दू साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी कविता में सार्वभौमिक अपील है।कार्यक्रम से डॉ. आसिफ अली, मुहम्मद शमशाद, फैजान जफर, शिफा अली आदि ऑनलाइन जुड़े रहे।
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