मासूम को घर में अकेली पाकर नाबालिग दिव्यांग के साथ दुष्कर्म
इशारों से बयां किया दर्द, परिवार का दरोगा पर रिपोर्ट न लिखने का आरोप
मेरठ। थाना परतापुर क्षेत्र ,के भूड़बराल मूकबधित नाबालिग के साथ अकेली पाकर पडोस में रहने वाले युवक ने दुष्कर्म किया। थाना परतापुर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर मंगलवार को पीडित परिवार अपनी बेटी को लेकर कप्तान के दरबार में पहुंचा जहां उसने न्याय की गुहार लगायी है।
मेरठ। थाना परतापुर क्षेत्र ,के भूड़बराल मूकबधित नाबालिग के साथ अकेली पाकर पडोस में रहने वाले युवक ने दुष्कर्म किया। थाना परतापुर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर मंगलवार को पीडित परिवार अपनी बेटी को लेकर कप्तान के दरबार में पहुंचा जहां उसने न्याय की गुहार लगायी है।
पीड़ित परिजनों ने कप्तान से कहा कि सरकार मिशन शक्ति अभियान चला रही है, लेकिन बहन बेटियों की इज्जत लूटने वालों को पुलिस छोड़ रही है। दरोगा हमारी रिपोर्ट नहीं लिखते। परिजनों ने बताया कि 26 अक्टूबर को उनकी बेटी घर में अकेली थी। तभी पड़ोसी युवक विपिन घर में घुसा और बेटी के साथ गलत काम किया है।पीड़िता के चाचा ने बताया कि 26 अक्टूबर को मेरे भाई की तबियत खराब थी। वो अस्पताल में भर्ती था। हमारा पूरा परिवार भाई को देखने अस्पताल में पहुंचा था। घर मे मेरी दिव्यांग, मूक बधिर भतीजी अकेली थी। इसी अकेलेपन का फायदा उठाकर पड़ोसी विपिन घर में घुस गया। उसने भतीजी के साथ जबरन रेप किया। जब वो भाग रहा था तभी हम लोग घर पहुंच गए उसे पकड़ लिया। आरोपी विपिन को पकड़कर हम परतापुर थाना ले गए। जहां दरोगा विपिन और थाना प्रभारी नरेंद्र मलिक मिले। पुलिस से हमने सारा मामला बताया और आरोपी को उन्हें सौंप दिया। तो थाना प्रभारी, दरोगा ने कहा कि तुम घर जाओ हम सारा मामला देखते हैं।
हंगामा करने पर चढ़ाई रिपोर्ट
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि हमें थाने से वापस भेज दिया गया। उसी दिन रात को मेरे भाई की अस्पताल में मृत्यु हो गई। हम लोग उसके अंतिम संस्कार में लग गए। 2 दिन बीतने के बाद भी हमें थाने से कोई सूचना नहीं मिली, न ही पीड़िता की डॉक्टरी कराई गई। बाद में हमें पता चला कि आरोपी को पुलिस ने 151 शांतिभंग में चालान कर छोड़ दिया है। उससे पैसों का लेनदेन किया है। इसके बाद 28 अक्टूबर को हम लोग दोबारा थाने पहुंचे तो सारा मामला पता चला। उस दिन जब हमने थाने पर हंगामा किया तब कहीं जाकर हमारी रिपोर्ट लिखी गई है। पीड़ित ने थाना प्रभारी पर अच्छा व्यवहार न करने का भी आरोप लगाया। कहा कि 28 अक्टूबर को जब हम थाने पर जाकर हंगामा करने लगे तो किसी तरह हमारी रिपोर्ट चढ़ाई। लेकिन अब तक इसके बयान नहीं हुए हैं।
इशारों से बयां किया दर्द
पीड़िता दिव्यांग, मूकबधिर कुल 5वीं कक्षा तक पढ़ी है। बोलकर अपने साथ हुई दरिंदगी बयां नहीं कर सकती। उसने इशारों में उस हैवानियत को जाहिर किया जो उसके साथ गुजरी है। किसी तरह उसने अपना दर्द बताया। इसके बावजूद पीड़ित परिवार की न रिपोर्ट दर्ज हुई, न पीड़िता के बयान कराए गए। पूरे मामले में थाना प्रभारी नरेंद्र का कहना है कि आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सों की रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है, आरोपी को पकड़ लिया गया है, किशोरी के कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। मूकबधिर विद्यालय की टीचर की सहायता से पीड़िता की बातों को समझा जाएगा।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि हमें थाने से वापस भेज दिया गया। उसी दिन रात को मेरे भाई की अस्पताल में मृत्यु हो गई। हम लोग उसके अंतिम संस्कार में लग गए। 2 दिन बीतने के बाद भी हमें थाने से कोई सूचना नहीं मिली, न ही पीड़िता की डॉक्टरी कराई गई। बाद में हमें पता चला कि आरोपी को पुलिस ने 151 शांतिभंग में चालान कर छोड़ दिया है। उससे पैसों का लेनदेन किया है। इसके बाद 28 अक्टूबर को हम लोग दोबारा थाने पहुंचे तो सारा मामला पता चला। उस दिन जब हमने थाने पर हंगामा किया तब कहीं जाकर हमारी रिपोर्ट लिखी गई है। पीड़ित ने थाना प्रभारी पर अच्छा व्यवहार न करने का भी आरोप लगाया। कहा कि 28 अक्टूबर को जब हम थाने पर जाकर हंगामा करने लगे तो किसी तरह हमारी रिपोर्ट चढ़ाई। लेकिन अब तक इसके बयान नहीं हुए हैं।
इशारों से बयां किया दर्द
पीड़िता दिव्यांग, मूकबधिर कुल 5वीं कक्षा तक पढ़ी है। बोलकर अपने साथ हुई दरिंदगी बयां नहीं कर सकती। उसने इशारों में उस हैवानियत को जाहिर किया जो उसके साथ गुजरी है। किसी तरह उसने अपना दर्द बताया। इसके बावजूद पीड़ित परिवार की न रिपोर्ट दर्ज हुई, न पीड़िता के बयान कराए गए। पूरे मामले में थाना प्रभारी नरेंद्र का कहना है कि आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सों की रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है, आरोपी को पकड़ लिया गया है, किशोरी के कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। मूकबधिर विद्यालय की टीचर की सहायता से पीड़िता की बातों को समझा जाएगा।
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