सुप्रीमकोर्ट पहुंचा गाजियाबाद में रेबीज से मौत का मामला

हाथों में पट्टी बांधे वकील कुणाल चटर्जी कोर्ट पहुंचे

गाजियाबाद।
गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से 14 वर्षीय बच्चे की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को अधिवक्ता कुणाल चटर्जी हाथों में पट्टी बांधकर अदालत के सामने पेश हुए। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों के हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट को कोई दिशा निर्देश देना चाहिए, क्योंकि हाईकोर्ट ने अलग-अलग फैसला दे रखा है।
अधिवक्ता कुणाल चटर्जी जब चोटिल अवस्था में कोर्ट में पेश हुए तो सीजेआई ने पूछा- क्या हुआ था? इस पर कुणाल चटर्जी ने कहा कि मुझ पर पांच कुत्ते टूट पड़े थे। सीजेआई ने कहा कि यदि आपको चिकित्सीय सहायता की जरूरत हो तो मैं रजिस्ट्री से गौर करने को कह सकता हूं।
इसी बीच कोर्ट मे मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से हुई 14 साल के बच्चे की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा और स्वत: संज्ञान लिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, ये एक गंभीर मामला है। सॉलिसिटर ने अदालत को उस वीडियो के बारे में भी बताया, जिसमें गाजियाबाद में पिता-पुत्र एंबुलेंस में रोते हुए असहाय नजर आ रहे हैं। तुषार मेहता ने कहा, उस स्थिति में बच्चे का पिता और डॉक्टर दोनों ही असहाय थे।
अधिवक्ता और सॉलिसिटर द्वारा पक्ष रखने के बाद सीजेआई को एक घटनाक्रम की याद आ गई। उन्होंने कहा, कुछ महीनों पहले मेरे दफ्तर के लॉ क्लर्क पर कार पार्किंग के दौरान कुत्तों ने हमला कर दिया था। जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने भी डॉग अटैक की घटनाओं पर चिंता जताई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया है।
परिजनों का दावा- 4 सितंबर को रेबीज से हुई बच्चे की मौत
गाजियाबाद में विजयनगर थाना क्षेत्र में चरण सिंह कॉलोनी निवासी 14 वर्षीय किशोर की 4 सितंबर को मृत्यु हो गई। परिजनों ने दावा किया कि बच्चे को करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोसी महिला के कुत्ते ने काट लिया था। तब बच्चे ने डर की वजह ये बात फैमिली को नहीं बताई और रेबीज फैल गया। इस वजह से उसकी मौत हो गई।

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