प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान ः
टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के लिए हर टीबी यूनिट पर तीन ट्रेनर होंगे तैयार
- एमओ, एनटीईपी और पंचायती राज विभाग का एक-एक कर्मचारी होगा शामिल
हापुड़, 22 सितंबर, 2023। पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर टीबी के खिलाफ जनांदोलन की तैयारी तेज हो रही है। महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) उत्तर प्रदेश की ओर से इस संबंध में सूबे के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत एवं फैमिली केयर गिवर तैयार करने के लिए समस्त ग्राम प्रधान और ग्राम सचिवों के साथ ही समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के प्रशिक्षण की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश प्राप्त हुए।
सीएमओ ने बताया - 19-20 सितंबर को लखनऊ में हुई क्षेत्रीय टीबी मुक्त पंचायत कार्यशाला में प्रमुख सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) की ओर से जनपद स्तर पर आयोजित होने वाले प्रशिक्षण में पंचायती राज विभाग से किसी एक प्रतिनिधि को जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर नामित किए जाने के निर्देश दिए हैं और साथ ही इस संबंध में पंचायती राज विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर टीबी यूनिट वार तीन-तीन ट्रेनर (दो चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग और पंचायती राज विभाग से) नामित करने के निर्देश दिए हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने बताया - शासन से मिले निर्देश के मुताबिक टीबी मुक्त ग्राम पंचायत और फैमिली केयर गिवर तैयार करने के लिए हर टीबी यूनिट से तीन जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर चिन्हित किए जाएंगे। इनमें एक मेडिकल ऑफिसर, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का एक कर्मचारी और पंचायती राज विभाग का एक कर्मचारी शामिल होगा। जनपद में कुल आठ टीबी यूनिट काम कर रही हैं, सभी टीबी यूनिट पर एक मेडिकल ऑफिसर (एमओ) के साथ ही एनटीईपी और पंचायती राज विभाग के एक-एक कर्मचारी समेत कुल 24 ट्रेनर (प्रशिक्षक) बनाए जाएंगे।
डीटीओ ने बताया - शासन से निर्देश मिले हैं कि इन प्रशिक्षकों को जनपद में मास्टर ट्रेनर तीन से 10 अक्टूबर तक प्रशिक्षण देंगे। हर टीबी यूनिट पर तैयार होने वाली तीन प्रशिक्षकों की यह टीम ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव और सीएचओ को प्रशिक्षण देगी और सब मिलकर क्षय रोगियों की जल्दी पहचान और उपचार के लिए काम करेंगे ताकि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
-----------
गढ़ सीएचसी पर मुस्लिम धर्मगुरुओं का संवेदीकरण किया गया
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को जनांदोलन बनाने के लिए शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), गढ़मुक्तेश्वर मुस्लिम धर्मगुरुओं का संवेदीकरण किया गया। संवेदीकरण कार्यक्रम में जमीयत उलेमा-ए- हिन्द से महासचिव मौलाना अलाउद्दीन, सचिव मौलाना मेहराज के नेतृत्व में जाहिर, दोतई से इसरार, अठसैनी से मुस्तकीम, हिम्मतपुर से कमाल और रिहान, फुलडी से हिब्जुर्रहमान, सिखेड़ा से नसीम अहमद आदि ने शिरकत की।
गढ़मुक्तेश्वर और सिंभावली ब्लॉक के अलग-अलग गांवों से आए मुस्लिम धर्मगुरुओं के इस प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए सीएचसी प्रभारी डा. दिनेश भारती ने टीबी के लक्षणों, बचाव और निदान के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही डा. भारती ने प्रतिनिधिमंडल से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने गांव में मस्जिद में नमाज के वक्त लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करें और यदि किसी व्यक्ति में टीबी से मिलते-जुलते लक्षण दिखें तो उसे जांच व उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए प्रेरित करें।
इस मौके से क्षय रोग विभाग से वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) गजेंद्र पाल सिंह ने बताया - दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसी में बलगम और खून आना, सीने में दर्द, वजन कम होना, शाम के समय बुखार और रात में सोते समय पसीना आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से यदि एक भी लक्षण हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर टीबी की जांच करानी चाहिए।
No comments:
Post a Comment