सांस्कृतिक धरोहर हैं भारतीय भाषाएंः अमित शाह
गृहमंत्री शाह ने हिंदी दिवस पर देश को किया संबोधित
नई दिल्ली।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की मौलिक और सृजनात्मक अभिव्यक्ति सही मायनों में अपनी राष्ट्रभाषा में ही की जा सकती है।
गृहमंत्री हिंदी दिवस के अवसर पर देशवासियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की भाषाओं की विविधिता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम हिंदी है। उन्होंने कहा, 'भारत वर्षों से ही विविध भाषाओं का देश रहा है और हिंदी को एक जनतांत्रिक भाषा के रूप में माना जाता है। इसने अलग-अलग भारतीय भाषाओं और बोलियों के साथ कई वैश्विक भाषाओं को सम्मान देने का भी काम किया है।'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी भाषा के इतिहास पर बात की। उन्होंने कहा, 'देश मे स्वराज प्राप्ती और स्वभाषा के आंदोलन साथ-साथ चल रहे थे। स्वतंत्रता प्राप्ती के बाद हिंदी के महत्व को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने इसे 14 सिंतबर 1949 के दिन राष्ट्रभाषा के तौर पर स्वीकार किया था।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमारी सभी भारतीय भाषाएं और बोलियां हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं और हमें इसे लेकर चलना है। हिंदी की किसी भी भाषा न कभी स्पर्धा थी और न कभी होगी। हमारी सभी भाषाओं को सशक्त करने से एक ही सशक्त राष्ट्र बनेगा और मुझे यकीन है कि हिंदी सभी भाषाओं को सशक्त बनाने का काम करेगी।' उन्होंने कहा कि इस वर्ष तीसरा 'अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन' का आयोजन पुणे में किया जाएगा।
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