चिंरजीत द्वारा  लिखित दूसरी शादी का मंचन 


 मेरठ।
उर्दू विभाग और स्वांगशाला एक्टिंग अकेडमी, मेरठ के संयुक्त तत्वावधान में अटल बिहारी वाजपेई प्रेक्षागृह (अप्लाइड साइंस ऑडिटोरियम) में प्रसिद्ध लेखक चिरंजीत द्वारा लिखित नाटक "दूसरी शादी" का मंचन हुआ । 

जिसकी अध्यक्षता उर्दू विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुर ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.जमाल अहमद सिद्दीकी, अध्यक्ष लाइब्रेरी एवं इनफॉरमेशन साइंस विभाग,चौ. चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. दुष्यंत कुमार चौहान, जंतु विज्ञान विभाग प्रो. प्रशांत कुमार, मास कॉम विभाग एवं श्री महेश कुमार त्यागी एडवोकेट उपस्थित रहे। सभी ने नाटक 'दूसरी शादी' का खूब आनंद लिया। एक-एक संवाद पर सारा हाल तालियों की गड़गड़ाहट  से गूंज रहा था। नाटक 'दूसरी शादी' सुप्रसिद्ध लेखक चरणजीत के प्रसिद्ध नाटक 'विज्ञापन' का परिमार्जित स्वरूप है। जिसे भारत भूषण शर्मा के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। मदन मोहन नामक एक निम्न मध्यवर्गीय टाइपिस्ट अपने बॉस के कटु व्यवहार तथा कम आय से परेशान होकर एक पत्रिका में अच्छी नौकरी के लिए विज्ञापन प्रकाशित करवाता है। पत्रिका के विज्ञापन विभाग की भूल से उसके विज्ञापन के जवाब में आए पत्रों के स्थान पर किसी अन्य युवक द्वारा दिए गए शादी के पत्रों का लिफाफा पोस्ट बैग नंबर की गलती से उसकी शक्की और झगड़ालू बीवी के हाथ लग जाता है। उसकी पत्नी सोचती है कि वह उसके व्यवहार से तंग आकर दूसरी शादी रचाने जा रहा है। वह गलती से आए शादी प्रस्तावों को पढ़-पढ़ कर घर आसमान पर उठा लेती है। मियां-बीवी की रोचक और हास्यास्पद परिस्थितियों से होता हुआ नाटक विज्ञापन विभाग के द्वारा भूल सुधार की क्षमा याचना के साथ सुखांत को प्राप्त होता है।

टाइपिस्ट मदन मोहन की भूमिका में अनिल शर्मा, झगड़ालू पत्नी दुर्गा की भूमिका में सीमा समर, पोंगा पंडित की भूमिका में संदीप मित्तल, पोस्टमैन की भूमिका में उज्ज्वल सिंह, मदन मोहन का साला अमन प्रधान, पत्रिका का प्रबंधक दिव्यांश शर्मा रहे। सेट तथा प्रॉपर्टी :मीनाक्षी लाइट इफेक्ट : संभ मेककप मीनाक्षी, ध्वनि प्रभान संभव द्वारा किया गया।इस अवसर पर नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति तथा अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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