62 वर्षीय नेत्रहीन हथिनी ‘नीना’ का हुआ निधन

 जीवनभर सहे कष्ट, सुख का समय आया तो कर गई अलविदा
आगरा (एजेंसी)।
मथुरा के हाथी अस्पताल में 62 वर्षीय हथिनी ‘नीना’का निधन हो गया। इस हथिनी को वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा भीख मांगने के अपमानजनक जीवन से बचाया गया था, उसका पैरों में तकलीफ और बुढ़ापे के परिणामस्वरूप हाल ही में निधन हो गया। हथिनी नीना दो साल से अधिक समय तक वाइल्डलाइफ एसओएस की देखरेख में थी। पैरों में गंभीर चोटों के कारण अपना भार उठाने में असमर्थ हो गई थी।
मथुरा जिले में स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित हाथी अस्पताल में समर्पित पशु चिकित्सकों और हाथी देखभाल कर्मचारियों की टीम की उपस्थिति में वृद्ध हथिनी ने अपनी अंतिम सांस ली। नीना का जीवन क्रूरता से भरा था और वह लगभग छह दशकों तक इसका शिकार रही। उसे अंकुश (एक नुकीला औज़ार) के आदेश पर चलने के लिए मजबूर किया गया था। उसके क्रूर मालिक पैसों के लालच में उसका व्यावसायिक रूप से शोषण करते रहे। उसे कभी आराम नहीं करने दिया और ना ही कभी पर्याप्त भोजन और पानी दिया गया। बस सड़कों पर भीख मांगने के लिए उसका इस्तेमाल करते रहे।
नीना की भयानक स्थिति को और बढ़ाने के लिए, उस पर अंकुश के बार-बार प्रहार कर जानबूझकर उसे अंधा कर दिया गया। यह लोगों की सहानुभूति हासिल करने और उनसे पैसे ठगने का जरिया था।
उसकी दयनीय स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त होने पर वाइल्डलाइफ एसओएस ने जून 2021 में नीना को बचाया और उसे मथुरा के हाथी अस्पताल परिसर के सुरक्षित आवास में लाए। उस समय नीना दुर्बल और कुपोषित थी और पैरों में ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्या से पीड़ित थी।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि “हमारी पशु चिकित्सा टीम ने नीना की देखभाल की और उसे आखिरी क्षण तक सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल प्रदान की। नीना हमें देश में उसके जैसे हाथियों को मुक्त कराने की दिशा में काम करते रहने की याद दिलाती रहेगी।

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