विवि  शुरू करेगा  ज्वेलरी डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी कोर्स

 सीसीएसयू में विद्ववत परिषद की बैठक में लिए गये निर्णय 

मेरठ। सोमवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित कुलपति कार्यालय के भूतल सेमिनार हॉल में ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से विद्ववत परिषद की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें निम्नलिखित निर्णय लिए गए।

 बैठक में  विद्वत परिषद की  12- जृन  को ऑनलाइन के माध्यम से संपन्न हुई बैठक के कार्य वृत्त की संपुष्टि की गई। प्री पीएचडी कोर्स वर्क एवं पीएचडी के नियमों में संशोधन के संबंध में कुलपति की अध्यक्षता में27 जुलाई  को संख्या अध्यक्षों की बैठक में लिए गए निर्णय की संपुष्टि की गई। प्री पीएचडी कोर्स वर्क की कक्षाएं इस प्रकार संचालित की जाएगी जिसके अनुसार विवि से संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों को आवश्यकता अनुसार ऑनलाइन कक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी अन्य विद्यार्थियों को ऑफलाइन कक्षाएं उपलब्ध होगी है साधारण स्थिति में संबंधित समन्वयक के अनुरोध पर संबंधित संकाय अध्यक्ष किसी विद्यार्थी को अधिकतम 40% तक कक्षाओं में ऑनलाइन उपस्थित होने की अनुमति प्रदान कर सकते हैं। छात्रों की संख्या 60 से अधिक होने पर संबंधित विभाग दो बैच बनाने पर विचार कर सकता है परंतु इसके लिए औचित्य बताते हुए पूर्व अनुमति ली जानी आवश्यक होगी। अनुदानित या स्वयं वित्त पोषित योजना के अंतर्गत स्थापित विभागों से संबंधित विषयों में प्री पीएचडी कोर्स वर्क की कक्षाएं विश्वविद्यालय परिसर में संचालित होगी तथा जिन विषयों के विभाग विश्वविद्यालय परिसर में नहीं है उनकी कक्षाएं पूर्व निर्धारित नियमों के अनुसार महाविद्यालयों में संचालित होगी।जिन विद्यार्थियों ने किसी राज्य  विवि केंद्रीय विविया किसी मान्यता प्राप्त शोध संस्थान में प्री पीएचडी कोर्स वर्क पूर्ण कर लिया है उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी कोर्स वर्क से उन मुक्ति होगी। विविसे संबंधित महाविद्यालय तथा परिसर के विभागों से पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों के शोध प्रबंध शोध गंगा में अपलोड किए जाएंगे।शोध विभाग द्वारा शोध प्रबंध को स्वीकार किए जाने के बाद संबंधित विषय के संयोजक से एक सप्ताह में 6 बाह्य परीक्षकों का पैनल सील बंद लिफाफे में प्राप्त किया जाएगा तदोपरांत शोध प्रबंधन के मूल्यांकन हेतु बाह्य परीक्षाको के नामांकन की पत्रावली  बंद लिफाफे में कुलपति के अदेशार्थ प्रस्तुत की जाएगी।शोध प्रबंध के मूल्यांकन हेतु भैया परीक्षकों के नाम प्रस्तावित करते समय शोध निदेशक तथा संयोजक से अपेक्षा की जाती है कि वह भैया परीक्षकों के नाम में पुनरावृत्ति से बच्चे एवं बाह्य परीक्षकों के पद विशेषज्ञ और विश्वविद्यालय के बारे में सुनिश्चित कर लें।

विद्वत परिषद द्वारा 20 पाठ्यक्रम समितियां द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रमों का अनुमोदन किया गया जिसमें मुख्य रुप से ज्वेलरी डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी कोर्स। विश्वविद्यालय यूजीसी से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत जनवरी 2024 से मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय स्थापित कर कला एवं वाणिज्य संकाय के निर्धारित विषयों में ऑनलाइन तथा  ओडीएल पाठ्यक्रम प्रारंभ कर सकता है। इस हेतु आज विद्वत परिषद में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।

बैठक में कुलपति प्रोफ़ेसर संगीता शुक्ला कुलसचिव धीरेंद्र कुमार प्रोफ़ेसर वीरपाल सिंह प्रोफेसर संजीव शर्मा प्रोफ़ेसर हरे कृष्णा प्रोफ़ेसर नवीन चंद्र लोहनी प्रोफ़ेसर संजय भारद्वाज प्रोफ़ेसर अनिल मलिक प्रोफ़ेसर एस एस गौरव डॉ जमाल अहमद सिद्दीकी प्रोफ़ेसर शैलेंद्र शर्मा प्रोफेसर आर सोनी प्रेस प्रवक्ता मितेन्द्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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