टीबी मुक्त भारत अभियान में ग्राम प्रधान निभाएंगे अहम भूमिका
ग्राम पंचायतों में अभियान चला कर चिन्हित किए जाएंगे टीबी मरीज
मेरठ, 8 अगस्त 2023। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व प्रधानमंत्री की वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम में ग्राम प्रधान भी अहम भूमिका निभाएंगे। सीएचओ, आशा एएनएम और एमओआईसी की सहभागिता से महत्वपूर्ण इंडिकेटर पूर्ण कर ग्राम प्रधान अपने गांव को टीबी मुक्त करने का दावा पेश करेंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय ने बताया - जनपद में 12 ब्लॉक में 476 ग्राम पंचायतें है। ग्रामीण क्षेत्र में टीबी मुक्त घोषित करने के लिए ग्राम प्रधानों के लिए पांच कैटेगरी रखी गई हैं, जिसमें एक लाख की जनसंख्या पर एक हजार जांच एक साल में होनी हैं जरूरी है। एक वर्ष में, एक हजार जांच में एक से अधिक मरीज नहीं निकलना चाहिए। पुराने टीबी मरीजों के इलाज की सफलता (ठीक होने की) दर 85 प्रतिशत होना अनिवार्य है। खोजे गये मरीजों की 60 प्रतिशत ड्रग्स सस्पेक्टिबिलिटी टेस्टिंग (डीएसटी) होनी अनिवार्य है। टीबी मरीज को न्यूट्रिशन सपोर्ट के माध्यम से पोषाहार वितरण करना। इसके अतिरिक्त सभी मरीजों को निक्षय पोषण योजना का भुगतान शत प्रतिशत होना अनिवार्य है। इन सभी इंडिकेटर को पूर्ण करने के बाद ही ग्रामप्रधान टीबी मुक्त पंचायत के लिए दावा कर पाएगा। जिला कार्यक्रम समन्वयक नेहा सक्सेना राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त कर जनपद में मास्टर ट्रेनर के रूप में सभी ग्राम प्रधान व एव सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- जिले में जनवरी से अब तक 9655 टीबी मरीज मिले हैं, जिसमें पब्लिक स्तर पर 5442 और प्राइवेट अस्पतालों के 4213 टीबी मरीज हैं। इसमें 60 प्रतिशत मरीज ग्रामीण क्षेत्र से हैं, जबकि 40 प्रतिशत मरीज शहरी क्षेत्र है। सभी का उपचार विभाग की ओर से किया जा रहा है। मरीजों के खाते में हर माह पांच सौ रुपये भेजे जा रहे है। टीबी जागरूकता के लिए शहरी व ग्रामीण स्तर पर जागरूकता अभियान के साथ साथ कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
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