भूमाफियाओं ने सरकार द्वारा अधिकृत40 करोड की सीलिंग जमीन को तीन करोड में बेचा
शत्रु जमीन पर अवैध कब्जा , मंडलायुक्त से की गयी शिकायत
मेरठ। एक ओर मेरठ विकास प्राधिकरण अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलवा कर ध्वस्तीकरण कर रहा है। वही कुछ भूमाफिया सरकारी जमीन व शत्र जमीन को कब्जाने से बाज नहीं आ रहे है। भूमाफियाओं ने अबदुल्लापुर में शत्रु जमीन तो राली चौहान गांव में सरकार द्वारा अधिकृत की गयी जमीन पर कब्जा कर चालीस करोड की सम्पत्ति को तीन करोड में बेच दिया गया है। इस बारे में समाजसेवी ने भूमाफियाओं की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों व मुख्यमंत्री पोर्टल पर की जा चुकी है। इसके बाद भी भूमाफियाओं पर कार्रवाई नहीं जा सकी है।
मंडलायुक्त से शिकायत करते हुए समाजसेवी असद रजा अब्दुल्लापुर निवासी ने बताया कि प्रार्थी के पुरखों का ग्राम अब्दुल्लापुर मे जमींदारा रहा है तथा कुछ लोग हिन्दूस्तान छोड़कर पाकिस्तान चले गये थे । उन्होंने बताया कि भूमाफिया हसन बहादुर, सरफराज हुसैन, और सय्यद असगर अब्बास, आदम , बिलाल पुत्र हसन बहादुर, जावेद आदि ने पाकिस्तान जा चुके कासिम अली की 550गज जमीन जिसकी वर्तमान समय में सर्किल रेट के अनुसार 50 लाख की कीमत है पर कब्जा कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त भूमाफियाओं ने द्वारा सरकार द्वारा अधिग्रहण की गई सीलिंग की जमीन स्थित ग्राम राली चौहान स्थित खसरा नं0- 240 / 2 तकरीबन 94 बीघा जमीन जिसकी कीमत 40 करोड से ज्यादा है। उसे अवैध रूप से तीन करोड चालीस लाख रू0 में बेची जा चुकी है।
उन्होंने बताया वह इस बारे में डीएम, एसएसपी व मुख्यमंत्री पोर्टल पर बकायदा लिखित रूप में शिकायत कर चुके है। लेकिन अभी भूमाफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने भूमाफियाओं ने सरकारी अधिकृत जमीन को हाजी इरशाद व डा इसरार को बेची गयी है। जबकि नियमानुसार सरकार द्वारा अधिकृत जमीन को खरीदना व बेचना कानूनी जुर्म है। इतना ही नहीं शत्रु जमीन को खरीदना भी कानूनी जुर्म है।
बुंदू मनसब गैंग का सक्रिय सदस्य रहा चुका भूमाफिया
असद रजा ने बताया भूमाफिया हसन बहादुर व जावेद 1990 दशक के बुंदू मनसब गैंग के सक्रिय सदस्य रहे चुके है। 1992/93 में गैंगवार में हसन बहादुर को गोली लगी थी। जिसका मुकदमा सदर थाने में दर्ज है। हसन बहादुर को निचली अदालत से सजा भी सुनाई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त कई अन्य थानों में मुकदमें दर्ज है।
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