लाइजोल के नो मोर हाफ ट्रुथ कैम्पेन ने फिनायल से जुड़े मिथकों को तोड़ा
नोएडा। बीते कई दशकों से भारतीय उपभोक्ता यह मानते रहे हैं कि फिनाइल अत्यधिक प्रभावी फर्श क्लीनर हैं, लेकिन अध्ययनों से पता चला है कि साधारण फिनाइल पोछा लगाने पर केवल 50 प्रतिशत कीटाणुओं को नष्ट करते हैं। भारत के प्रमुख कीटाणुनाशक ब्रांड लाइजोल और एक स्वतंत्र अनुसंधान एजेंसी द्वारा किए गए एक संयुक्त अध्ययन से घरेलू सतहों पर विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस की उपस्थिति का पता चला है, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों और संक्रमणों का कारण बन सकते हैं। सौरभ जैन, रीजनल मार्केटिंग डायरेक्टर, हाइजीन, रेकिट-साउथ एशिया ने कहा, ये बैक्टीरिया और वायरस डायरिया जैसी बीमारियों और त्वचा संक्रमण, मूत्र नली के संक्रमण, मुँहासे, आंख और रक्तप्रवाह के संक्रमण जैसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसे देखते हुए लाइजोल ने 29 मई 2023 को सोशल मीडिया कैम्पेन नो मोर हाफ ट्रुथ की शुरुआत की है। इस कैम्पेन का उद्देश्य फिनाइल के प्रभावी होने से जुड़े मिथकों को दूर करना और सफाई से जुड़ी सही आदतों के बारे में उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाना है।श्री सौरभ जैन ने कहा, एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि अस्पतालों में पाए जाने वाले बीमारी पैदा करने वाले कीटाणु भारतीय घरों के फर्श पर भी फैले हुए हैं। ये कीटाणु परिवार की सेहत के लिए बड़ा जोखिम पैदा करते हैं। नो मोर हाफ ट्रुथ कैम्पेन का उद्देश्य ग्राहकों को उनके घरों में मौजूद इन कीटाणुओं को खत्म करने में साधारण फिनाइल की अपर्याप्तता के बारे में शिक्षित करना है। इस कैम्पेन की सफलता डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद भारतीय दर्शकों की ताकत और उनके साथ एक अभियान शुरू करने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करती है। हम इस बात को भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि स्कूली बच्चों को गंदी सतहों के चलते बीमार पड़ने के जोखिम से बचाया जाए। इसके लिए हमने अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है।
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