विश्व हेपेटाइटिस दिवस(28 जुलाई) आज
जागरूक रहें, सावधान रहें, हेपेटाइटिस से बचें : डा.प्रदीप
नोएडा, 27 जुलाई 2023। वैसे तो हर बीमारी से बचने के लिए जागरूकता और सावधानी जरूरी है, लेकिन हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जानकारी का अभाव किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकता है। इसलिए जागरूक रहें, सावधान रहें और हेपेटाइटिस से बचें रहें। यह कहना है- सेक्टर 39 स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डा. प्रदीप शैलत का।
डा. प्रदीप का कहना है- हेपेटाइटिस का उपचार व रोकथाम दोनों संभव है। हेपेटाइटिस के इलाज में लापरवाही से लिवर कैंसर का खतरा हो सकता है। इस लिए भलाई इसी में है कि सावधान रह कर इससे बचे रहें। यदि बीमारी हो जाए तो तुरंत उपचार लें। अनदेखी जीवन के लिए भारी पड़ सकती है।
उन्होंने बताया-हेपेटाइटिस को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई शामिल हैं। हेपेटाइटिस का प्रकार एक अलग वायरस के कारण होता है और संचरण और गंभीरता के अलग-अलग तरीके होते हैं। उन्होंने कहा- जन्म के तुरंत बाद शिशु को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना चाहिए।
उन्होंने बताया- सरकार ने वर्ष 2030 तक देश से हेपेटाइटिस वायरस का उन्मूलन करने की योजना बनायी है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम साल 2018 में शुरू किया गया था । हर साल लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देने और जागरूक करने के लिए 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिसस दिवस मनाया जाता है।
डा शैलत ने बताया हेपेटाइटिस ए मुख्य रूप से दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता है। यह अल्पकालिक (कम समय) संक्रमण है।यह दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है। हेपेटाइटिस बी संक्रमित खून या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। यह लिवर क्षति, सिरोसिस या लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। इसको रोकने में टीकाकरण काफी हद तक प्रभावी है। हेपेटाइटिस सी मुख्य रूप से खून का खून से संपर्क होने से फैलता है। अक्सर नशा करने वाले लोग एक ही सुई का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिससे इसके फैलने की आशंका ज्यादा होती है। इसके अलावा संक्रमित खून चढ़ाने से खतरा होता है। हेपेटाइटिस सी लिवर की पुरानी बीमारी का कारण बन सकता है। इससे सिरोसिस या कैंसर का खतरा भी हो सकता है। इसके इलाज के लिए एंटीवायरल दवा का सेवन करना होता है। उन्होंने बताया हेपेटाइटिस डी केवल उन्हीं व्यक्तियों को होता है जो पहले से ही हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं। हेपेटाइटिस डी गंभीर लिवर क्षति का कारण बन सकता है। इसे वायरल हेपेटाइटिस का सबसे गंभीर रूप माना जाता है। हेपेटाइटिस ई भी हेपेटाइटिस ए की तरह मुख्य रूप से दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है। हेपेटाइटिस ई से संक्रमित गर्भवती में गंभीर जटिलताओं का खतरा अधिक होता है। सुरक्षित पानी और खाद्य पदार्थों का ध्यान रखकर इससे बचा जा सकता है।
इसके अलावा बिना प्रोटेक्शन के यौन संबंध ने बनाएं, ब्लेड या रेजर किसी के साथ शेयर न करें. हेपेटाइटिस का टीकाकरण जरूर करवाएं। लिवर का ध्यान रखे, खाद्य पदार्थों में तेलीय वस्तुओं डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों से दूर रहें, तंबाकू धूम्रपान के सेवन से बचें।
उपलब्ध है जांच व उपचार की सुविधा
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. अमित कुमार ने बताया हेपेटाइटिस के उपचार की सुविधा सेक्टर 39 स्थित संयुक्त जिला अस्पताल में उपलब्ध है। जनपद के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच की सुविधा है। उन्होंने बताया वायरल लोड टेस्टिंग की सुविधा नोएडा सेक्टर 30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में उपलब्ध है। उन्होंने बताया जनपद में वर्तमान में हेपेटाइटिस ए के 139 मरीज, हेपेटाइटिस बी के 18 मरीज, हेपेटाइटिस सी के 15 मरीज, और हेपेटाइटिस ई के तीन मरीज हैं।
डा अमित ने कहा बाढ़ आने के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इस लिए सभी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि दूषित भोजन और दूषित पानी के सेवन से बचें। इसमें लापरवाही घातक साबित हो सकती है। इससे पीलिया और हेपेटाइटिस ए होने का खतरा रहता है।



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