प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा के मायने

अमेरिकी संबंधों से ज्यादा महत्वपूर्ण होगी प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा
- संजीव ठाकुर

प्रधानमंत्री की विगत माह अमेरिका यात्रा कई मायने में महत्वपूर्ण थी पर भारत अमेरिकी निजी संबंधों के इतिहास में दृष्टि डालें तो अमेरिका को ज्यादा विश्वसनीय मित्र नहीं माना जा सकता है। वर्ष 74 में जब भारत ने जब पहला शांतिपूर्ण उद्देश्य को लेकर परमाणु परीक्षण किया था तब अमेरिका, कनाडा सहित कई देशों ने भारत के साथ परमाणु अनुबंध समाप्त कर दिए थे उसी समय दूसरी तरफ फ़्रांस एकमात्र देश था जिसने भारत के तारापुर परमाणु संयंत्र के लिए आवश्यक परमाणु इंधन की दमदार तरीके से आपूर्ति की थी।
आज से लगभग 25 साल पूर्व फ्रांस और भारत की रणनीतिक साझेदारी संपन्न हुई थी तब से लेकर आज तक भारत और फ्रांस में सामरिक महत्व को लेकर लगातार मित्रता बनी हुई है और यह रणनीतिक मित्रता भारत की अब लगभग 30 से 35 देशों में विस्तार पा चुकी है। अमेरिका पर भारत आंख मूंद कर विश्वास नहीं कर सकता क्योंकि पूर्व में अमेरिका कई देशों को जिसमें अफगानिस्तान और यूक्रेन सहित कई देश हैं जिनका वह मैदान में विश्वसनीय साथी नहीं रहा है। इन परिस्थितियों में भारत को रूस के अलावा जापान तथा फ्रांस को सामरिक मददगार बनाना होगा।

प्रधानमंत्री 13 तथा 14 जुलाई दो दिवसीय फ्रांस की यात्रा कई स्तर पर अमेरिका यात्रा से इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि फ्रांस के साथ भारत के 96 हजार करोड रुपए के रक्षा सौदा होने की संभावना है। भारत इस दौरे के अंतर्गत आई एन एस विक्रांत के लिए 26 रफाल एम लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रहा है इसके अलावा 3 स्कॉर्पीन सबमरीन के भारत में निर्माण की योजना भी बन सकती है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के कार्यालय से अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा कई अर्थो में भारत तथा फ्रांस के भविष्य के लिए ऐतिहासिक तथा महत्वपूर्ण होगी। फ्रांस और भारत रक्षा सौदे के तहत एक बड़ा तथा सुनियोजित रोड मैप भी तैयार करने वाले हैं। भारत फ्रांस की मदद से भारत में ही इंजन और अन्य सामरिक महत्व के उपकरणों का निर्माण स्वदेश में ही करेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी के तहत रक्षा अंतरिक्ष विज्ञान और परमाणु संधि पर निर्भर करती है एवं इन मुद्दों पर दोनों देशों के मध्य विस्तार से चर्चा भी होगी। प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के बेस्ट डे परेड के महत्वपूर्ण दिवस पर गेस्ट ऑफ ऑनर भी होंगे और इस दौरान भारत के लड़ाके फ्रांस के आसमान में रफाल को उड़ाने का प्रदर्शन करेगी और इसके लिए भारत से चार राफेल विमान और वायु सेना के 72 जवान फ्रांस पहुंच चुके हैं। इसके अलावा भारत की तीनों सेनाओं की 269 सदस्य टुकड़ी फ्रांस पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल मैं यह छठवीं यात्रा फ्रांस भी कर रहे हैं और इस दौरे के दौरान भारत तथा फ्रांस के मध्य रणनीतिक सहयोग, वैज्ञानिक विकास ,सांस्कृतिक लेनदेन तथा व्यापारिक तथा आर्थिक सहयोग पर विस्तृत चर्चा कर सहयोग देने की बात पर जोर दिया जाएगा।
भारत तथा फ्रांस की जलवायु परिवर्तन, सतत विकास,हिन्द प्रशांत सागर में स्थित तथा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के मामले में लगभग एक जैसे हैं। दूसरी तरफ फ्रांस भी आंतरिक हिंसा आगजनी तथा तोड़फोड़ अपने ही शरणार्थियों से भुगत रहा है भारत में भी मणिपुर में ऐसे ही हिंसा का तांडव देश झेल रहा है। कई मायने में भारत तथा फ्रांस की स्थिति हिंसा, उग्रवाद को लेकर एक जैसी है। ऐसे में जब फ्रांस में भारी हिंसा तथा आगजनी हो रही है भारत के प्रधानमंत्री की नरेंद्र मोदी कि फ्रांस यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े और पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं। भारत की फ्रांस में लगभग छोटी बड़ी 200 कंपनियां कार्य कर रही हैं इसी तरह भारत में 800 से लगभग 1000 कंपनियां भारत में कार्यरत हैं और दोनों के मध्य लगभग 20 अरब डॉलर का व्यापारिक कारोबार हो रहा है।
प्रधानमंत्री के साथ बड़ी कंपनियों के सीईओ भी व्यापारिक निवेश के लिए अपनी भूमिका तलाश करने जा रहे हैं जिनकी फ्रांस तथा भारत के मध्य सहयोग से बड़ी संभावनाएं नजर आ रही हैं। फ्रांस भारत का लगभग 3 दशक से विश्वसनीय मित्र राष्ट्र रहा है और व्यापारिक सामरिक तथा सांस्कृतिक महत्व के कई मुद्दों पर दोनों देशों के मध्य सहयोग भी फला फूला है।
भारत के प्रधानमंत्री की दो दिवसीय छठवीं फ्रांस की यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण होगी तथा दूरगामी परिणाम सूचक भी होगी। इस दौरे से भारत और फ्रांस आपसी मित्रता के नए युग में प्रवेश करेंगे। बस देखना यह है कि भारत को सभी मित्र देशों के साथ एक बड़ा संतुलन बनाकर सभी मित्रता को सुचारू रूप से कायम रखना होगा।
(स्तंभकार- लेखक, रायपुर छत्तीसगढ़)

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