भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से तबाही

 दिल्ली से शिमला तक सड़कें बनीं समंदर
शिमला में तीन की मौत, कुल्लू-मनाली में चार लोग बहे
- 828 सड़कें बंद, 4686 ट्रांसफार्मर ठप

नई दिल्ली (एजेंसी)
भारी बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत में तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 11 मौतें हिमाचल में हुईं। इसके अलावा, यूपी में 8, उत्तराखंड में 6, दिल्ली में 3, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व पंजाब में दो-दो की जान गई।  दिल्ली में 41 साल बाद जुलाई में एक दिन में 153 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश के चलते उत्तर रेलवे ने 17 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। 12 ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े हैं।
हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन भी मूसलाधार बारिश का कहर जारी है। शिमला जिले की ठियोग तहसील के पलवी गांव में सोमवार सुबह 11 बजे एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान दीप बहादुर, देवदासी और मोहन बहादुर के तौर पर हुई है। मनाली में तीन वोल्वो बसों के बहने की सूचना है। चार लोग बहने से लापता हैं। तीन लोग मनाली से बह गए हैं। एक गाड़ी सहित बहा है।
6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। बारिश से ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी के तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। ब्यास किनारे कई घर व होटल बह गए हैं।
दो दिनों से ब्लैकआउट
कुल्लू जिले में दो दिनों से ब्लैकआउट है। सड़कें व पेयजल आपूर्ति बंद होने से लोग और सैलानी परेशान हैं। मनाली के किसान भवन में फंसे सभी 29 लोगों को सोमवार सुबह रेस्क्यू कर सुरिक्षत निकाल लिया गया है। इसमें कई सैलानी भी मौजूद हैं।

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