सिर में गाेली लगे बच्चें को मिली नयी जिदंगी 

 चिकित्सकों के प्रयास से बच्चा पूरी तरह फिट 

 मेरठ। चिकित्सकाें को भगवान यू नहीं कहा जाता है। जिस बच्चे के सिर में लगी गोली देख परिजनों ने बचने की उम्मीद छाेड दी थी। उसी बच्चे को केएमसी हॉसिपटल के चिकित्सकों ने  सिर का सफल ऑपरेशन कर नयी जिदंगी दी है। मंगलवार को उक्त बच्चे काे अस्पताल से छूटटी दे दी गयी। बच्चे के परिजन हॉस्पिटल के चिकित्सकों को तह दिल से शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे है। 

 डा सुनील गुप्ता ने बताया छोटे बच्चों में इस प्रकार का ऑपरेशन करना बडा कठिन व जोखिम भरा होगा है। ऐसे में तमाम तरह की सावधानियां बरती  पडती है। इस केस में कुछ इस तरह का हुआ। सिर में गोली लगे आठ साल के बच्चे की हालत जिंताजनक थी। लेकिन अस्पताह के चिकित्सक डा अभिवन बंसल व उनकी टीम ने यह कर दिखाया है। 



  डा अभिनव बंसल ने बताया इस ऑपरेशन को करना काफी चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने टीम के सहयोग कर उन्होंने तीन घंटे तक ऑपरेशन व सर्जरी कर बच्चे की जान बचायी है। उन्होंने बताया चिकित्सक का काम सफल ऑरेशन करना होता है। बाकी सब ऊपर वाला करना था। उन्होंने बताया कि ऑफरेशन करने व सर्जरी करने के उतरांत उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की थी उक्त बच्चे की जिंदगी को बचाया जाए। ऊपर वाले उनकी सुन ली। 

 दरअसल गत 11 जुलाई की रात्रि को नंगलाताशी निवासी आर्मी में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी सोनी के आठ साल के बच्चे शिवम  के सिर में गोली गल गयी थी। रात्रि में उसे केएमसी हॉस्टिल में मरणावास्था में लाया गया था। उसकी हालत अत्यन्त गम्भीर थी एवं बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। सिर के चारों ओर से रक्त बह रहा था एवं चोट के कारण उसका दिमाग आगे व पीछे की तरफ से सिर की हड्डी से बाहर निकल कर आ रहा था, ऐसी स्थिति में मरीज की जान बचाना अत्यन्त मुश्किल होता है। लेकिन डा अभिनव बंसल (न्यूरोसर्जन) एवं उनकी टीम द्वारा समय से उपचार एवं ऑपरेशन कर बच्चे की जान बचाई गई। ऑपरेशन करने के बाद भी वेन्टीलेटर पर लेते समय बच्चे के बचने की सम्भावना नजर नहीं आ रही थी क्योंकि उसका मस्तिष्क बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो चुका था एवं ऐसे ऊतक में ऑपरेशन होने के बाद भी सेप्टिक होने का पूरा खतरा होता है। लेकिन जिसे ईश्वर को बचाना होता है वह बच भी जाता है। ऐसे ही एक उदाहरणस्वरुप के. एम. सी. अस्पताल के चिकित्सक, ओ टी स्टाफ एवं आई सी यू के सम्पूर्ण स्टाफ की मेहनत एवं जिम्मेदारी की वजह से आज यह बच्चा ठीक होकर घर जा रहा है एवं यह बच्चा पूरी तरह सामान्य एवं सनतोषजनक स्थिति में है।

अमूमन इस तरह के रोगियों के ऑपरेशन के आरम्भ से लेकर एक बहुत ही जिम्मेदारी पूर्वक क्रिटीकल केयर की भी आवश्यकता होती है। उसी के फलस्वरुप इस तरह के रोगियों का जीवन बचता है। के एम सी अस्पताल की क्रिटीकल केयर यूनिट में इस तरह के कीर्तिमान पहले भी कई बार स्थापित किये जा चुके हैं। जिसमें समाज का विश्वास एवं सहयोग भी उतना ही आवश्यक होता है। 



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