क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल की संघर्ष गाथा को किया  नमन 

मेरठ । अमर शहीद क्रांतिकारी धनसिंह कोतवाल के बलिदान दिवस के अवसर पर आर0एस0एस0 की ओर से  क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल के गांव पांचली खुर्द मेरठ से  क्रांति तीर्थ अमृत महोत्सव आयोजन समिति के प्रदेशव्यापी आयोजनों का शुभारंभ हुआ। 

इस अवसर पर समिति के  मेरठ प्रांतीय प्रभारी के रूप में उपस्थित हुए अश्वनी त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि क्रांतिकारियों के बलिदानी इतिहास को जानबूझकर इतिहास से विलुप्त किया गया। जिन बलिदानी क्रांतिकारियों को इतिहास से निकाल दिया गया है उन्हें उचित स्थान देने हेतु अनेक प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए  यह समिति आज यहां से एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत कर रही है।

  श्री त्यागी ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक जिले के क्रांतिकारियों के गांव की मिट्टी लेकर उसे 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को दिया जाएगा । उस  मिट्टी को फिर पूरे प्रदेश में उन उन स्थानों पर दे दिया जाएगा जहां जहां से उन्हें एकत्र किया गया था। दी गई मिट्टी के ऊपर एक बरगद का पौधा लगाया जाएगा और उस गांव को क्रांति तीर्थ के रूप में स्थापित किया जाएगा। इससे क्रांतिकारियों को तो सम्मान मिलेगा ही साथ ही क्रांति तीर्थ के रूप में स्थापित हुए गांवों को भी सम्मान प्राप्त होगा।

कार्यक्रम के सह संयोजक तथा क्रांतिनायक धन सिंह कोतवाल के वंशज तस्वीर सिंह चपराना में अपने उद्बोधन में कहा कि अपने उद्बोधन में  बुजुर्गों से सुनी हुई बातों को बताया कि किस प्रकार  अंग्रेजों से लड़ने के कारण बाद में भी बहुत दिनों तक पांचली खुर्द गांव को बागी गांव का रूप में देखा जाता रहा। यहां के व्यक्तियों को जमीदार उचित सम्मान नहीं देते थे । बागी कहकर बुलाते थे, उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं गांव के जोहड़ को नमन करता हूं, इस जोहड ने अंग्रेजों को रास्ता नहीं दिया था, उस समय  जोहड़  पर पुल नहीं बना था।बारिश के कारण जोहड़ पूरा भरा हुआ था। जिसमें अंग्रेजों को तोपों को निकालना कठिन था। इस कारण दूसरे रास्ते से अंग्रेज आए थे। जिन्होंने पांचली खुर्द पर तोपों से आक्रमण किया जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 

  इस अवसर पर   नरेश गुर्जर, सुप्रसिद्ध विद्वान प्रोफेसर देवेश शर्मा, आर एस एस के बड़े कार्यकर्ता नवीन चंद्र गुप्ता, विजय सिंह गुर्जर, जितेंद्र सिंह, कुमारपाल शास्त्री, पूर्व कमांडिंग अफसर बालेसिंह, कार्यक्रम आयोजन समिति के संरक्षक बृज भूषण गर्ग, कैप्टन सुभाष चंद्र आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए । 


 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts