लकड़ी माफिया ने बिना परमिशन के आधी रात में काट डाले दर्जन पेड़, 35000 रुपए का लगा जुर्माना
बुलंदशहर। पर्यावरण को चुनौती देते लकड़ी माफिया बिना परमिशन के ही आधी रात में काट डाले आधा दर्जन से ज्यादा हरे आम के पेड। ऐसा ही एक कारनामा सामने आया है। डिबाई क्षेत्र के गांव बुढानपुर कलां से जहां लकड़ी माफियाओं ने आधी रात में आधा दर्जन से ज्यादा आम के हरे पेडों को बिना परमिशन के ही काट डाला। इतना ही नही रात्रि का फायदा उठाते हुए लकड़ी माफियाओं ने लकड़ी से भरे ट्रैक्टर ट्राली को किसानों की खडी फसल को रोंदते हुए मक्का और मूंगफली की फसल भी बर्बाद कर डाली।
सुबह जब किसानों को इसकी जानकारी हुई तो किसान आक्रोशित हो गए। सूत्रों की मानें तो लकड़ी माफियाओं को मालूम है कि रात्रि में अगर पेड काटे जाए तो ज्यादा सुरक्षित है। क्योंकि वो भलीभांति जानते है कि अगर रात के अंधेरे में पेड काटते हुए पकड़े भी गए तो वन विभाग के अधिकारियों से जुगाड कर के थोड़ा बहुत जुर्माना करा लेंगे। ये लकड़ी माफिया इतने शातिर है कि रात में ही पेडों की जडें भी खोदकर निकाल लेते हैं और उस जगह को ट्रेक्टर द्वारा जुताई कर पेड का नामोनिशान मिटा देते है।इसीलिए लकड़ी माफिया पेड काटने के लिए परमिशन की जरूरत नहीं समझते। और इन्ही कारणों से हर बार सरकार को लाखों रुपए का राजस्व चूना लग जाता है। इस सब काम के बीच एक बात तो अवश्य है सरकार वनरक्षक के पदों पर जो कर्मचारी भर्ती की है उनकी क्या जिम्मेदारी वह जबावदेही है सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए नहीं तो पर्यावरण की मार हर आदमी को सहनी पड़ेगी। जब इस सम्बंध में डिबाई के क्षेत्रीय वन अधिकारी कुबेर दत्त शर्मा से वार्ता कि गई तो उनका कहना है कि सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने पहुंच कर लकड़ी ठेकेदार सतेन्द्र पुत्र श्यौदान सिंह निवासी बुढानपुर कालू पुत्र भूरा निवासी बुढानपुर पर 35000₹ का जुर्माना कर दिया गया है।
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