वर्कशॉपऑन कैपिटल आईज योर कैपेबिलिटी सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट का समापन
मेरठ । शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मेरठ के सूचना एवं रोजगार प्रकोष्ठ के तत्वावधान में सप्त दिवसीय कार्यशाला "वर्कशॉप ऑन कैपिटलआईज योर कैपेबिलिटी: सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट" का समापन समारोह आयोजित किया गया।
समापन सत्र का उद्घाटन महाविद्यालय की संरक्षक एवं प्राचार्य प्रोफेसर डॉ अंजू सिंह की अध्यक्षता में किया गया। यह समापन कार्यक्रम ऑनलाइन मोड पर संचालित किया गया। इस कार्यशाला के प्रथम दिवस पर श्रीमती वंदना त्यागी पीआरटी केएल इंटरनेशनल स्कूल मेरठ, ने "कम्युनिकेशन स्किल्स" शीर्षक पर, द्वितीय दिवस पर आकांक्षा, डायरेक्टर ऑफ़ ऑपरेशंस फैकल्टी डब्ल्यूपी मेरठ, ने "इमोशनल इंटेलिजेंस" ,तृतीय दिवस पर शिवानी शर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर कॉमर्स छोटू राम डिग्री कॉलेज मुजफ्फरनगर ने "नेतृत्व क्षमता", चतुर्थ दिवस पर पूजा रानी पीजीटी शिक्षक जीबीएसएसएस नई दिल्ली ने "अनुकूलता कौशल", पंचम दिवस पर कुमारी आकांक्षा शर्मा शिक्षक पुरातन छात्रा बीएड ने " निर्णय लेने की क्षमता", षष्ठम दिवस पर पूजा सैनी लेक्चर डायट सहारनपुर ने "एंपैथी" , सप्तम दिन इसी क्रम में आज के इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ नितिन कुमार, असिस्टेंट डायरेक्टर आई सी एस एस आर, दिल्ली उपस्थित रहे। सूचना एवं रोजगार प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ उषा साहनी ने मुख्य वक्ता का स्वागत औपचारिक भाषण से किया एवं उन्होने "व्यक्तित्व विकास" नामक शीर्षक पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ कुमार ने कहा कि यह उनके लिए बहुत ही गर्व का विषय है कि जिस महाविद्यालय के वे छात्र रहे हैं वहां की वर्तमान छात्राओं से अपने विचार साझा करने का अवसर उन्हें प्रदान हुआ। सर ने बताया कि व्यक्तित्व किसी भी व्यक्ति का आंतरिक एवं वाह्य दृष्टिकोण होता है अगर हम किसी से एक बार मिले तो हम ऐसी छाप छोड़े कि हमें सदैव याद किया जाए वह व्यक्तित्व कहलाता है। सर ने बताया कि शुरुआत में सभी विद्यार्थियों को जीवन में समान अवसर प्राप्त होते हैं परंतु कुछ विद्यार्थी जीवन में अत्यधिक सफल हो जाते हैं, कुछ औसत और कुछ जीवन में असफल ही रह जाते हैं यह सब विद्यार्थी के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। डॉ कुमार ने रामायण की एक वीडियो के माध्यम से छात्राओं को व्यक्तित्त्व से संबंधित सभी बिंदुओं को विस्तार से समझाया इसके साथ ही सभी छात्राओं ने अपने अपने अवलोकन साझा किए। सर ने बताया कि वाह्य व्यक्तित्त्व के साथ-साथ हमें अपने आंतरिक व्यक्तित्व में भी निखार लाना चाहिए, जिन व्यक्तियों के पास सूरत एवं सीरत दोनों होती है वे लोग अपने जीवन में बहुत आगे जाते हैं और सफल होते हैं। सर ने कुछ विशेष व्यक्तित्व जैसे डॉक्टर अब्दुल कलाम, महात्मा गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू आदि ऐसे उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास के बारे में विस्तार से समझाया।
डॉ कुमार ने व्यक्तित्व विकास के कुछ प्रमुख कारक जैसे स्वयं को जानना, अपने जीवन में लक्ष्य और उद्देश्यों को निर्धारित करना, सतत अध्ययन करना,सकारात्मक माइंडसेट को निर्धारित करना, भावनात्मक बुद्धिमत्ता को निर्धारित करना, कम्युनिकेशन कौशल को सुधारना, आत्मविश्वास को विकसित करना, स्वस्थ एवं अच्छी आदतों को आत्मसात करना आदि पर चर्चा की। अंत में डॉ कुमार ने कहा कि व्यक्तित्व विकास एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है इसकी सहायता से व्यक्ति अपने जीवन में उच्च से उच्च पद एवं प्रतिष्ठा को आसानी से प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर प्राचार्य ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम से महाविद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्राओं को अपनी पुरातन छात्राओं को जानने एवं समझने का अवसर प्राप्त हुआ और निश्चित रूप से सभी छात्राएं पुरातन छात्राओं से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सार्थक बना सकेंगी। प्राचार्य ने बताया कि इस कार्यशाला में लगभग 200 छात्राओं ने अपना पंजीकरण करवाया क्योंकि इस कार्यशाला की सफलता का द्योतक है। प्राचार्य ने सूचना एवं रोजगार प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ भारती दीक्षित, सह संयोजिका डॉ अमर ज्योति एवं समस्त समिति के सदस्यों को कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए बधाई दी इसके साथ ही मामले कार्यशाला में उपस्थित सभी अतिथियों वक्ताओं और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ अमर ज्योति ने मुख्य वक्ता का धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ अमर ज्योति ने कहा कि सर के पूरे व्याख्यान में सभी छात्राएं सजग होकर सर के विचारों को सुन रही थी इसके साथ ही डॉ अमर ज्योति ने सब सभी प्राध्यापकों एवं प्रतिभागियों को आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
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