मां और बच्चे के लिए जरूरी है नियमित स्वास्थ्य परीक्षण व पौष्टिक आहार
प्रसव से उबरने की अवधि के दौरान बरतें सावधानी
मुजफ्फरनगर, 30 मई 2023। मां बनना हर महिला की चाहत होती है। इसे प्रकृति के सर्वोत्तम उपहारों में से एक माना गया है, लेकिन प्रसव से उबरने की अवधि के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है। बेहतर है कि जब तक प्रसवोत्तर जांच न हो जाए (आमतौर पर शिशु के जन्म के बाद छह हफ्तों के आसपास) तब तक आराम करें और ज्यादा क्रियाशील न रहें।
जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. आभा आत्रेय ने बताया - गर्भधारण के बाद हर महिला सामान्य व सुरक्षित तरीके से स्वस्थ व सेहतमंद बच्चे को जन्म देना चाहती है, लेकिन गर्भावस्था के नौ महीने माताओं के लिये चुनौती व जोखिमों से भरे होते हैं। किसी गर्भवती की जरूरतें आम महिलाओं से अलग होती हैं। शिशु के जन्म के बाद कुछ रक्तस्राव (लोकिया), असहजता और थकान होना सामान्य है। बेहतर महसूस करने के लिए आमतौर पर समय, आराम और स्वयं थोड़े प्रयास करने की जरूरत होती है। शरीर को ठीक होने के लिए समय चाहिए होता है, खासकर सिजेरियन ऑपरेशन के बाद सावधानी बरतने की जरूरत है।
उन्होंने बताया - सामान्य व सुरक्षित प्रसव के लिये महिला व उनके परिवार वालों को ज्यादा सतर्क व सावधान रहने की जरूरत होती है। सुरक्षित व सामान्य प्रसव के लिये गर्भवती का शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। गर्भवती को अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए।
मां और बच्चे के लिए जरूरी है नियमित स्वास्थ्य परीक्षण व पौष्टिक आहार
गर्भस्थ शिशु का विकास मां के शरीर में ही होता है। इसके लिए बच्चों को जरूरी पोषण मां के रक्त से मिलता है। मां को सामान्य से अधिक पौष्टिक आहार के सेवन की जरूरत होती है। इसके लिए हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, गुड, दाल, अंडा, फल व मांस का सेवन उपयुक्त होता है।
प्रसव के बाद खाने का रखें ख्याल
मसालेदार चीजें कम खाएं और कब्ज एवं खांसी पैदा करने वाले पदार्थों से भी दूर रहें। डॉक्टर आपको शुरुआती दिनों में हल्का भोजन करने की सलाह दे सकती है। आप इस समय कब्ज और खांसी करने वाली चीजें न खाएं। ऐसा कोई काम न करें जिससे आंतों व पेट पर प्रेशर पड़ता हो।
No comments:
Post a Comment