यदि जीवन से है प्यार, तंबाकू को करें इंकार
( “विश्व तम्बाकू निषेध दिवस” 31 मई पर विशेष)
मुजफ्फर नगर । सम्पूर्ण विश्व में किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। यह जानते हुए भी कि तंबाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इसके सेवन में कोई कमी नहीं हो रही है। तंबाकू के कारण प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोग अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। इसके हानिकारक प्रभाव को देखते हुए डब्लूएचओ ने 1987 में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया जिसका मुख्य उद्देश्य तम्बाकू से होने वाले हानिकारक प्रभावों के प्रति आम जन को जागरूक करना तथा इसकी लत को छुड़वाना है। हालाँकि 1988 में सात अप्रैल को यह दिवस मनाया गया परंतु इसके पश्चात प्रति वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जा रहा है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की इस वर्ष की थीम है "हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं “, जिसका उद्देश्य तंबाकू किसानों के लिए वैकल्पिक फसल उत्पादन के अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें टिकाऊ और पौष्टिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
तम्बाकू एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियों के लिए खेती की जाती है, जिसे सुखाकर तम्बाकू उत्पाद बनाने के लिए किण्वित किया जाता है। इसमें निकोटीन होता है। तंबाकू का सेवन अनेक रूपों में किया जाता है। तंबाकू के सभी रूप हानिकारक हैं, और तंबाकू के संपर्क में आने का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है। सिगरेट धूम्रपान दुनिया भर में तंबाकू के उपयोग का सबसे आम रूप है। अन्य तंबाकू उत्पादों में वाटरपाइप तंबाकू, विभिन्न धुआं रहित तंबाकू उत्पाद, सिगार, गुटका, पान मसाला, सिगारिलोस, रोल-योर-ओन तंबाकू, पाइप तंबाकू, ई-सिगरेट, बीड़ी और क्रेटेक्स शामिल हैं। तम्बाकू में अनेक हानिकारक रसायन पाए जाते हैं जिसमें निकोटीन प्रमुख हैं। इसके सेवन से मुँह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, आँत का कैंसर, ह्रदय रोग जैसे जानलेवा रोग होते हैं। इनके अलावा इसके नियमित सेवन से त्वचा का समय से पहले बूढ़ा होना, प्रतिरक्षा कम होना, मसूड़ों व दांतों में संक्रमण आदि समस्या उत्पन्न करता है।
धूम्रपान न केवल सेवन करने वाले व्यक्ति को हानि पहुँचाता है बल्कि सेवन करने वाले व्यक्ति के सम्पर्क में आने वालों के स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही टी वी, फ़िल्मों, रेडियो, प्रिंट प्रकाशन, होर्डिंग आदि से इसके प्रचार, प्रसार और प्रायोजन पर व्यापक प्रतिबंध द्वारा इसकी खपत को कम किया जा सकता है । एक बार तंबाकू की लत लगने पर उसे छोड़ना अत्यंत कठिन हो जाता है परंतु दृढ़ इच्छाशक्ति द्वारा यह कार्य संभव है। जिसमें परिवार के सदस्यों व साथियों का सहयोग अति आवश्यक है।
इसके सेवन से न केवल हम अपने आपको कठिनाई में डालते है बल्कि अपने परिवार को भी हम कठिनाई में डालने का कार्य करते है।
तंबाकू के दुष्प्रभावों से लोगों को जागरुक कर हम भी विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इसकी लत है तो
इस समस्या से जल्द से जल्द उबरना चाहिए। इसके लिए प्रण लेना होगा, धीरे धीरे इसका सेवन कम करना होगा, और फिर इसका सेवन पूर्ण रूप से समाप्त करना होगा।
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