मां धूमावती जयंती पर मां बगलामुखी धाम यज्ञशाला दक्षिणेश्वरी काली पीठ मंदिर में हुआ विशाल हवन,भंडारा और महाआरती का आयोजन 

मेरठ। जेष्ठ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी मां धूमावती का अवतरण हुआ था, जिसे हर साल मां धूमावती जयंती के रूप में मनाया जाता है। माता बगलामुखी व मां धूमावती की साधना और आराधना के लिए यह दिन बेहद शुभ और मंगलकारी माना गया है। दरअसल, हिंदू धर्म में माँ  बगलामुखी को तंत्र की देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इस खास दिन पर देवी की विधि अनुसार पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय मिलती है। रविवार 28 मई को मां धूमावती जयंती मनाई जा रही है।

मेरठ स्थित मां बगलामुखी धाम यज्ञशाला दक्षिणेश्वरी काली पीठ प्राचीन वन खंडेश्वर महादेव शिव मंदिर कैलाश प्रकाश स्टेडियम चौराहा साकेत मेरठ मंदिर प्रांगण में मां धूमावती जयंती के परम पावन मौके पर विशाल हवन,भंडारा और महा आरती का आयोजन किया गया।

मंदिर राजपुरोहित आचार्य प्रदीप गोस्वामी ने बताया कि आज का दिन परम पावन दिन है आज जेष्ठ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां धूमावती का अवतरण हुआ था इसी कारण आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

उन्होंने बताया कि मां धूमावती के बहुत कम साधक एवं मंदिर हैं इस दुनिया में मां का कोई नियंत्रण नहीं है मां पर कोई नियंत्रण नहीं रख सकता स्वयं शिव को भी सबूत निकल जाने वाली है। सुहागन स्त्रियों की उनकी पूजा करना मना है इनका वाहन काला कौवा है जो इनकी ध्वजा पर विराजमान भी रहता है मां धूमावती को विधवा रूप में पूजा जाता है बिखरे बाल सफेद साड़ी सूप हाथ में पकड़ कर बैठी रहती है इनकी पूजा होती है। धूमावती मां बगलामुखी मुखी संग ही धूमावती की पूजा होती है मां बगलामुखी अग्नि स्वरूप धूमावती धुआ धुआ स्वरूप है। इस अवसर पर आचार्य प्रदीप गोस्वामी, कामेश शर्मा, शनि शाधक योगेश अग्रवाल, लोकेश दास, विपुल सिंघल, नरेश कुमार, वैभव गोयल, गोपाल सैनी, विशाल बंसल, संजय माहेश्वरी, राम गुप्ता, मनीष टिक्का, ममता सिंघल, स्वाति गर्ग आदि काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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