ग्रामीण समाज विकास केंद्र ने बाल विवाह रोकथाम के लिए गांव गांव दिया संदेश
निकाली गई जन चेतना रैली, बाल विवाह ना करने की दिलाई शपथ
मुजफ्फरनगर। 28 मई 2023
“हम ना तो अपने बच्चों का विवाह बचपन में करेंगे और ना ही औरों को ऐसा करने देंगे,बाल विवाह बचपन के खिलाफ एक अपराध है जिसे और नहीं पनपने दिया जाएगा” इस शपथ के साथ जिले को बाल विवाह मुक्त करने के लिए जागरुकता अभियान चलाया गया और बाल विवाह की रोकथाम के लिए जन चेतना रैली निकाली गई। हस्ताक्षर अभियान चलाकर जिले को बाल विवाह मुक्त करने का आह्वान किया गया। जिसमें बताया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं, अपितु एक कानूनी अपराध भी है।
सामाजिक संस्था ग्रामीण समाज विकास केंद्र के सचिव मेहर चंद ने बताया कि एक्सेस टू जस्टिस अभियान के अंतर्गत जिले में 22 मई से 28 मई तक जनजागरुकता अभियान चलाया गया। जिसमें आशा,आंगनबाड़ी, ग्राम प्रधान के सहयोग से जागरुकता रैली, शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया और शपथ दिलाई कि “हम ना तो अपने बच्चों का विवाह बचपन में करेंगे और ना ही औरों को ऐसा करने देंगे,बाल विवाह बचपन के खिलाफ एक अपराध है जिसे और नहीं पनपने दिया जाएगा”। इस अभियान में 25 गांव में करीब 1500 लोगों ने हिस्सा लिया अभियान को सफल बनाया। इस दौरान उनसे आह्वान किया गया कि हम बाल विवाह नहीं करेंगे, वह हम ऐसे किसी आयोजन में शामिल नहीं होंगे जहां बाल विवाह हो रहा हो और हम यह प्रण करते हैं कि इसकी रोकथाम के लिए हम संभव हर समय प्रयास करेंगे। जिससे हर बच्चा सुरक्षित और शिक्षित हो सके, अगर ऐसी कोई भी जानकारी मिलती हैं तो हम अपने मुखिया सरपंच व पुलिस को सूचित करेंगे ।
उन्होंने बताया कि संस्था के कार्यकर्ताओं ने बाल विवाह प्रथा पर रोक लगाए जाने हेतु समाज को समझाइश दी और शिक्षा से समाज को जोड़ने वाले कार्यों को बहुत बारीकी से समझाया। बताया कि बाल विवाह अपराध है और बाल विवाह जैसे सामाजिक कुरीति को जड़ से समाप्त करना जरुरी है। इसे रोकने में आमजन सहयोग करें। बाल विवाह सामाजिक बुराई है। लोग अज्ञानतावश अपने नाबालिग बच्चों का विवाह कम उम्र में ही कर देते हैं। सभी को मिलकर इस बुराई के खिलाफ जन आंदोलन के माध्यम से लोगों में जागृति लानी है, ताकि समाज से इस कुप्रथा का अंत हो सके।
उन्होंने बताया कि यदि जनपद में कही भी बाल विवाह(नाबालिग का विवाह) किया जाता है तो जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, स्थानीय पुलिस, आपातकालीन पुलिस सेवा 112, महिला हेल्प लाइन 181 एवम चाइल्डलाइन 1098 को सूचना दें ताकि समय पर हस्तक्षेप करके बाल विवाह को रूकवाया जा सके। उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह गैर कानूनी है जिसमें बाल विवाह करवाने वाले व शामिल होने वाले सभी लोगों को 2 वर्ष का कारावास या एक लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते है। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह अपराध है और गैर जमानती है। इस अवसर गांव के गणमान्य लोग और संस्था के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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