मेरठ के खरखौदा के द्वीज ने किया कमाल,पाई 71 वीं रैंक

 सफलता का श्रेय माता को दिया ,बर्तमान में पेडेचेरी में  बतौर नगर आयुक्त के पद पर है तैनात 

मेरठ।  खरखौदा कस्बे के रहने वाले द्वीज ने जिले का मान बढ़ाया है।  संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में द्विज ने 71 वीं रैंक हांसिल की है। वह हमेशा पढाई में अव्वल आते रहे हैं। वर्तमान में द्वीज पुडुचेरी में नगर आयुक्त के पद पर तैनात हैं।उनके घर पर  बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि हाल ही उनकी माताजी का ऑपरेशन हुआ है । जिस वजह से वह 5 दिन की छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे। 

द्वीज गाेयल ने बताया कि उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई  हापुड़ के दीवान पब्लिक स्कूल से की थी। जबकि भोपाल से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद उनका  एक निजी कम्पनी में कैम्पस  से ही सलेक्शन हो गया था।द्वीज बताते हैं कि उनका बचपन से ही सपना था कि वह आईएएस बनें, लेकिन इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने कुछ दिन के लिए नौकरी ज्वाइन कर ली थी और वह ज्यादा दिन वहां खुद को रोक नहीं सके। आखिरकार उन्होंने नौकरी छोड़कर 2020 में  यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। मां हमेशा मेहनत करने को प्रेरित करती थीं।

द्विज गोयल ने बताया कि 2003 में उनके जीवन का बुरा दिन आया जब उनके पिता मुनेश गोयल की मौत हो गई थी। उसके बाद से उनकी मां सीमा गोयल ने ही उन्हें निरन्तर आगे बढ़ने और अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया । वह अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी माँ को देते हैं। द्वीज ने बताया कि उनकी मां खरखौदा के सरकारी स्कूल में सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका हैं। कहते हैं कि अपनी मां के आशीर्वाद से ही आज वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

 उन्होंने बताया कि जब 2020 से उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का मन बनाया तो  वह यूपीएससी के जरिए  2021 की परीक्षा में सफल होकर पुडुचेरी नगर आयुक्त बन गए। हालांकी वे अपनी परफॉर्मेंस से सन्तुष्ठ नहीं थे  और आईएएस बनने के अपने सपने के लिए सेल्फ स्टडी की, पढाई के घण्टे बढ़ाए । उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने अपनी तैयारी को लेकर  और भी फोकस करते हुए तैयारी की। बता दें  कि पिछले  माह जब यूपीपीसीएस का रिजल्ट आया था। द्विज उसमें भी सफल रहे थे और एसडीएम के तौर पर चयनित हुए थे। 2020 में   भी उन्होंने पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।  तब उन्हें युवा कल्याण अधिकारी का पद मिला था जो कि उन्होंने छोड़ दिया था। 

उन्होंने बताया इस बार जब यूपीएससी की परीक्षा के बाद जब इंटरव्यूह देने पहुंचे तो उनसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र होने के नाते इंजन बनाने के लिए कहा गया था। उन्होंने उस मौके के बिना समय गंवाए 45 से 50 सैकेंड के अंदर ही  इंजन की ड्राइंग बना दी।   

द्वीज के छोटे भाई कामेश गोयल एक निजी कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर  है ।  अपने बड़े भाई को उनके आईएएस बनने की जानकारी भी कामेश गोयल ने ही दी थी। द्वीज का कहना है कि वह महिला शिक्षा पर  अधिक काम करना चाहेंगे । उन्होंने बताया कि भाग्य से उनके दो दोस्त भी सफल रहे हैं वह बहुत खुश हैं।



No comments:

Post a Comment

Popular Posts