रविवार को बसपा, कांग्रेस मेयर प्रत्याशी ने किया नामांकन
नामांकन के समय दिखाई दी गुटबंदी
मेरठ। रविवार को निकाय चुनाव के लिए बसपा और कांग्रेस मेयर प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिया। दोनों ही प्रत्याशियों ने 3 बजने से थोड़ी देर पहले कलेक्ट्रेट में पहुंचकर नॉमिनेशन फाइल किया । वहीं दोनों प्रत्याशियों के साथ पार्टी की आपसी गुटबंदी खुलकर सामने दिखी, जब कोई बड़ा चेहरा नॉमिनेशन फाइल कराने नहीं पहुंचा।
बसपा ने मुस्लिम चेहरे पर दाव चला है। बसपा से मेयर कैंडिडेट हशमत मलिक ने रविवार को नामांकन दाखिल किया। नगर निगम में 3 बार पार्षद रहे हशमत मलिक के नामांकन में बसपा से बड़ा चेहरा नजर नहीं आया। इससे साफ है कि चुनाव पार्टी की आपसी खेमेबंदी के भेंट चढ़ रहा है। जिसका फायदा दूसरे दलों को मिल सकता है।बता दें बसपा से बिल्डर दारा सिंह प्रजापति, पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के भाई राशिद अखलाक सहित 2 अन्य ने नामांकन फार्म लिया है। आखिरी वक्त तक चर्चा थी कि पार्टी टिकट चेंज कर सकती है। हशमत मलिक को टिकट मिलने से पार्टी का एक खेमा बुरी तरह नाराज है।जिला इकाई की तरफ से हशमत के नाम का लेटर भी अभी तक जारी नहीं किया गया है। ऐसे में हशमत मलिक के नामांकन में कोई बड़ा चेहरा नहीं पहुंचा। वहीं हशमत ने कहा कि उनका मुकाबला केवल भाजपा से है। वो मजबूत चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस के मेयर कैंडिडेट नसीम कुरैशी ने किया नामांकन
कांग्रेस से मेयर प्रत्याशी नसीम कुरैशी भी नामांकन करने पहुंचे। नसीम कुरैशी के साथ भी पार्टी का कोई बड़ा नेता या चेहरा नजर नहीं आया। अहम बात यह कि जिला इकाई से भी चंद नेता ही नसीम के साथ कलेक्ट्रेट में नामांकन करने पहुंचे। बता दें कि कांग्रेस से युसूफ कुरैशी भी टिकट की दावेदारी में थे।पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी के बड़े भाई युसूफ कुरैशी का नाम एक दिन पहले तक बड़े जोरों से चर्चा में था। कांग्रेस प्रत्याशी बदलकर टिकट युसूफ कुरैशी को देगी। लेकिन शनिवार शाम पार्टी ने मन बदला और टिकट नसीम कुरैशी पर ही रहने का फैसला लिया।नसीम कांग्रेस के पुराने नेताओं में से एक हैं। अहम पदों पर भी रहे हैं। नसीम कुरैशी ने कहा कि मेरठ की जनता कांग्रेस के साथ थी और हमेशा रहेगी। चुनाव पूरी मजबूती से लड़ेंगे और विरोधियों को धूल चटा देंगे।
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