एनेस्थिसियोलॉजी की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 

मेरठ। एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, एलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठ और सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट (एसएएम) ने होटल हार्मनी इन में रीजनल एनेस्थीसिया पर एक सीएमई आयोजित की गयी। कार्यशाला का उद्देश्य एनेस्थिसियोलॉजी के जूनियर डॉक्टरों को रीजनल एनेस्थीसिया के बारे में नवीन जानकारी देना रहा।

मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि  एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, एलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठ और सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट (एसएएम) ने होटल हार्मनी इन में रीजनल एनेस्थीसिया पर एक सीएमई आयोजित की गयी। 

डा विपिन धामा ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य एनेस्थिसियोलॉजी के जूनियर डॉक्टरों को रीजनल एनेस्थीसिया के बारे में नवीन जानकारी देना है। कार्यशाला का शुभारंभ एसएएम के अध्यक्ष डॉ मेजर के गोपाल, एलआरएम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डा आर सी गुप्ता, एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष आदि द्वारा किया गया।

डा योगेश माणिक ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी सदस्यों ने जूनियर डॉक्टरों को अल्ट्रासाउंड और पेरिफेरल नर्व स्टिमुलेशन का उपयोग करके  रीजनल तकनीक में हुई प्रगति के बारे में बताया। डॉ. भावना, प्रोफेसर, सुभारती कॉलेज ने पेट की सर्जरी के लिए नरव ब्लॉक  के बारे में बताया.. डॉ. श्वेता, एसोसिएट प्रोफेसर, एलआरएम मेडिकल कॉलेज ने स्पाइनल एनेस्थीसिया में सफलता दर में सुधार के बारे में चर्चा की। डॉ. नजमा, प्रोफेसर, जिम्स, नोएडा ने बाल रोगियों में तंत्रिका ब्लॉक के बारे में बताया। डॉ. नवनीत, डॉ. अजका, डॉ. नीलम, डॉ. शैलेश, डॉ. वसुंधरा, डॉ. महिमा, डॉ. सविता ने रीजनल  एनेस्थीसिया की विभिन्न तकनीकों पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ विपिन धामा, डॉ वैभव आदि आयोजन समिति मे  रहे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts