शिक्षा राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है- सांसद 

 विवि के बृहस्पति भवन में महामना मदन मोहन मालवीय पर  विचार गोष्ठी का आयोजन 

मेरठ | महामाना मालवीय मिशन मेरठ शाखा के तत्वाधान में आज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय बृहस्पति भवन  में नई शिक्षा पद्धति एवं महामना मदन मोहन मालवीय  के विचारों पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि  राजेन्द्र अग्रवाल सांसद लोकसभा, मुख्य वक्ता तपन कुमार क्षत्रीय अभिलेखागार, प्रमुख राष्ट्रीय सेवक संघ, प्रोफेसर डाॅ रूपनारायण , अध्यक्ष ई. मुनीश कुमार, डॉ अतुल कृष्ण एवं सतीश चंद्रा द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। 

कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वन्दना एवं कुलगीत गाकर की गयी। तत्पश्चात कार्यक्रम में मुनीश कुमार अध्यक्ष महामाना मालवीय मिशन मेरठ शाखा,  अंशु शर्मा महासचिव, श्री सतीश चंद्रा एवं एच० एम० त्यागी द्वारा मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। 

मुख्य अतिथि राजेन्द्र अग्रवाल  सांसद लोकसभा ने कहा कि शिक्षा मानव जीवन के सर्वांगीण विकास का साधन है शिक्षा राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होनें कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय परम्परा और  भारतीय संस्कृति पर आधारित है। उन्होंने कहा कि महामाना मदन मोहन मालवीय को शिक्षा में वह शक्ति दिखाई देती थी जो व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास समाज और राष्ट्र के समन्वित विकास के लिए आवश्यक है। मुख्य अतिथि ने कहा कि महामाना मालवीय मिशन मालवीय जी के आदर्शो पर चलते हुए जनमानस के कल्याण के लिए समर्पित है। मुख्य अतिथि द्वारा मिशन के प्रयासों की सरहाना की गई। 

इस अवसर पर मालवीय जी विशेषांक स्मारिका का विमोचन मुख्य अतिथि राजेन्द्र अग्रवाल सांसद लोकसभा एवं मुख्य वक्ता  तपन कुमार क्षत्रीय अभिलेखागार, प्रमुख राष्ट्रीय सेवक संघ के करकमलों द्वारा किया गया। स्मारिका में मदन मोहन मालवीय मिशन के सदस्यों की विस्तृत निर्देशिका प्रतिष्ठित व्यक्तियों के महत्वपूर्ण संदेश मालवीय विचार धारा सहित अन्य विषयो पर प्रभावशाली लेख शामिल किए गए है। 

मुख्य वक्ता तपन कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि मालवीय  के जीवन का त्याग और उनके विचार सदा ही राष्ट्र  निर्माण की प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होनें कहा कि नई शिक्षा नीति सीखने के लिए किताबों पर जोर देने के बजाय व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ाने पर केंद्रित है। प्रोफेसर डॉ रूपनारायण ने कहा कि नई शिक्षा नीति, विद्यार्थियों के एकीकृत विकास पर केंद्रित है। यह नीति व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ाने की परिकल्पना करती है। 

कार्यक्रम के अंत मे महामाना मालवीय मिशन मेरठ शाखा के अध्यक्ष ई0 मुनीश कुमार के द्वारा मिशन के उद्देश्यों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा कि मिशन, सशक्त समाज के लिए महामना मालवीय मिशन के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का संवाहक है मिशन बिना किसी सहकारी सहायता के जन-मानस के कल्याण के लिए अग्रसर है उन्होंने बताया महामना मालवीय मिशन का गठन 1978 में बी0एच0यू0 के पूर्व छात्रों द्वारा किया गया था और अब पूरे देश में इसकी 28 शाखायें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि महामना मालवीय मिशन मेरठ शाखा की स्थापना महामना मालवीय मिशन द्वारा कराये जा रहे सामाजिक कार्यों से ओत-प्रोत होकर 15 नवम्बर 2015 को की गयी थी। अध्यक्ष, महामाना मालवीय मिशन मेरठ ने बताया कि महामना मालवीय मिशन गरीब असहाय और जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए समर्पित है। मिशन का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों का उत्थान करना और उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करना है। मेरठ शाखा की स्थापना से अब तक मिशन द्वारा प्रत्येक वर्ग के उत्थान, स्वास्थ्य व शिक्षा पर लगातार कार्य किया जा रहा है। मेरठ शाखा में विभिन्न वर्गों के लगभग 150 आजीवन सदस्य जुड़े हुए है। मिशन के प्रयासों से सफलता हासिल हो रही है, मिशन द्वारा की गयी छोटी सी शुरूआत आज गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगो की आर्थिकी को सुदृढ़ कर, शिक्षा का मार्ग प्रशस्त कर रही है और उनके जीवन में खुशहाली ला रही है। 

इं० मुनीश कुमार ने बताया कि मिशन जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए समर्पित है मिशन सभी वर्गों का उत्थान स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर निरन्तर कार्य कर रहा है, भविष्य में मिशन द्वारा लोक-कल्याण के मुद्दों पर कार्य करने एवं मालवीय विचार धाराओं के प्रचार-प्रसार को धरातल पर लाने के लिए कार्य किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन   आरती शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर ई. ऐ. के. वर्मा, विनय मित्तल, वीरेंद्र शर्मा, हरिओम त्यागी, मुकुल रस्तोगी, आरती शर्मा,  प्रवीण कुमार, इं. एच.एम. त्यागी,  सतीश चंद्रा एवं मेरठ शाखा के अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

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