मानव जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान है श्रीमद भागवत महापुराण

  गंगा नगर में  श्रीमदभागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन आरंभ
 मेरठ। गंगा नगर स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर ग्राउंड में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 13 से 19 मार्च तक सायं 03 बजे से 7 बजे तक श्रीमदभागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है । इस कथा ज्ञान-यज्ञ का शुभारम्भ दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी वेद पाठी शिष्य-शिष्याओं द्वारा रुद्री पाठ के विशुद्ध उच्चारण से हुआ। कथा के प्रथम दिवस विश्व विख्यात भागवताचार्य कथा व्यास - साध्वी सुश्री पद्महस्ता भारती जी ने भागवत महात्म्य में छिपे गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया ।
  


कथा व्यास जी नेबताया कि वेदों का सार युगों युगों से मानव जाति तक पहुँचता रहा है। श्रीमद भागवत महापुराण उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आ रही है। इसीलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है। श्रीमद भागवत का अर्थ होता है जो श्री अर्थात चैतन्य, सौंदर्य व ऐश्वर्य से युक्त है। ये वो वाणी है, वो कथा है जो हमारे जड़वत जीवन में चैतन्यता का संचार करती है और हमारे जीवन को सुन्दर बनाती है। कथाव्यास जी ने बताया कि श्रीमदभागवत महापुराण ऐसी कथा अमृत है जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। इसीलिए परीक्षित ने स्वर्णामृत के बजाय कथामृत की ही मांग की। क्योंकि इस कथामृत का पान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है।

कथा के दौरान उन्होंने वृन्दावन का अर्थ बताते हुए कहा कि वृन्दावन इंसान का मन है। इंसान के मन में भक्ति तो जागृत होती है, पर वह भक्ति स्थायी नहीं होती। इसका कारण यह है कि हम ईश्वर की भक्ति तो करते हैं पर हमारे अंदर वैराग्य व प्रेम नहीं होता। इसलिए वृन्दावन में जाकर भक्ति देवी तो तरुणी हो गयी, पर उनके पुत्र ज्ञान और वैराग्य अचेत और निर्बल पड़े रहते हैं। उनमें जीवंतता और चैतन्यता का संचार करने हेतु नारद जी ने भागवत कथा का ही अनुष्ठान किया। साध्वी जी ने बताया कि व्यास जे कहते हैं कि भागवत कथा एक कल्पवृक्ष की भाँति है, जो जिस भाव से कथा श्रवण करता है, वह उसे मनोवांछित फल देती है, और यह निर्णय हमारे हाथों में है कि हम संसार की मांग करते हैं या करतार की।  

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य - स्वामी नरेशानंद  ने बताया कि श्रीमदभागवत पुराण मात्र कथाओं का संग्रह ही नहीं, अपितु मानव जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान है I विज्ञान, अध्यात्म एवं भक्ति से भरपूर्ण इस अद्भुत पुराण को केवल एक ब्रह्मज्ञानी संत की कृपा से ही समझा एवं जीवन में उतारा जा सकता है I

मंच पर आसीन दिव्य गुरु आशुतोष महाराज  के प्रचारक शिष्य -शिष्याओं द्वारा मधुर व भक्तिमय भजन सुन सभी श्रद्धालु झूम उठे। 

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