थर्ड जेंडर का कल्याण और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का संरक्षण“ पर जागरूकता शिविर का आयोजन 

मेरठ  ।  विधि अध्ययन संस्थान, विधिक सेवा केन्द्र, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ एवं जिला विधिक प्राधिकरण, के संयुक्त तत्वाधान में “थर्ड जेंडर का कल्याण और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का संरक्षण“ पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के समन्वयक डॉ0 विवेक कुमार एवं  विनोद शर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मेरठ द्वारा किया गया। 
    डॉ विवेक कुमार ने उक्त विषय पर अपने विचार रखते हुये कहा कि असमानता का कारण केवल जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय ही नहीं बल्कि एक ही जाति के अंदर आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्ति द्वारा अपने से नीचे स्तर के व्यक्ति के साथ भेदभाव किया जाता है। बेंथम के कानून के सिद्धांत को समझाते हुए कहा कि कानून ऐसा होना चाहिए जिससे अधिकतम लोगों का अधिकतम सुख प्राप्त हो थर्ड जेंडर को भी कानून का लाभ समान रूप से मिलना चाहिए तभी हमारा देश उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। डॉ0 अपेक्षा चौधरी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा थर्ड जेंडर के अधिकारों का संरक्षण करते हुए उन्हें वर्ष 2014 में मान्यता प्राप्त की तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से सम्बन्धित संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का वर्णन किया। डॉ0 सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि भारतीय समाज में जाति के आधार पर भेदभाव था। ई0पी0 रोयप्पा केस में समानता के नये आयाम स्थापित किये गये। वरिष्ठ अधिवक्ता पूनम ढिल्लन ने कहा कि थर्ड जेंडर को भी पुरुष व महिला के समान अधिकार प्राप्त है। अधिवक्ता रंजना नेगी ने थर्ड जेंडर व अनुसूचित जाति व जनजाति के अधिकारों पर विचार प्रस्तुत किये। मुख्य अतिथि विनोद शर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मेरठ ने कहा कि  जेंडर शब्द भारतीय दण्ड संहिता में परिभाषित है। उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर को हम विशेष दर्जा नही दे रहे है बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षा प्रदान कर रहे है। सामान्य व्यक्ति के वेलफेयर के लिये जो योजना है उनका समान रूप से लाा थर्ड जेंडर को भी मिलेगा। थर्ड जेंडर के साथ सामान्य व्यक्ति की तरह ही व्यवहार किया जाये और साथ ही साथ कहा कि देश को विकसित बनाना है तो प्रक्रिया व मौलिक न्याय होना चाहिए और प्राकृतिक संसाधनो का बराबर विभाजन होना चाहिये। इसे समानता का नियम भी कहा जाता है। उन्होंने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को सुरक्षित करने के लिये सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 बनाया हुआ है।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ0 विकास कुमार द्वारा किया गया।  सुदेशना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षक डॉ0 कुसुमा वती,  आशीष कौशिक,  मोनिका, डॉ0 धनपाल डॉ0 महिपाल सिंह, डॉ0 मीनाक्षी, श्री शेख अरशद तथा संस्थान के समस्त छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts