सोशल मीडिया बनी जनता की ताकत, सोच-समझ कर करें इसका प्रयोग



विद्या नॉलेज पार्क के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ समापन


सोशल मीडिया का पत्रकारिता पर प्रभाव पर पढ़े गए शोध पत्र

मेरठ। बागपत रोड स्थित विद्या नॉलेज पार्क के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन हुआ। दूसरे दिन भी देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे वक्ताओं ने ‘द इंपैक्ट ऑफ सोशल मीडिया ऑन मार्डन जर्नलिज्म प्रैक्टिसिज’ विषय पर विचार प्रस्तुत किए। इस मौके पर दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता निघत अब्बास, डीडी न्यूज के एंकर अशोक श्रीवास्तव, अमर उजाला के संपादक राजेंद्र सिंह सहित अनेक गणमान्य शामिल रहे। तकनीकी सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों से पहुंचे शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

विद्या नॉलेज पार्क के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित एवं विद्यागान से किया गया। सबसे पहले संस्थान की निदेशिका डॉ. रीमा वार्ष्णेय ने सभी अतिथियों का स्वागत पौध भेंट कर किया। विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन ने कहा कि यह बड़ा आयोजन है। शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए शैक्षिक संस्थानों को इस प्रकार के आयोजन करते रहना चाहिए। वहीं प्रबंध निदेशक विशाल जैन ने सभी का उत्साहवर्धन करते हुए दो दिवसीय सेमिनार की सफलता पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है कि समसामयिक गंभीर मुद्दों पर खुली चर्चा हो। इससे विद्यार्थियों के साथ समाज को भी नई ऊर्जा और दिशा मिलती है।  

विद्वान वक्ताओं ने सोशल मीडिया को आधुनिक पत्रकारिता के समक्ष चुनौती के रूप में मानते हुए कहा कि हम जहां पहुंच गए हैं, वहां से पीछे नहीं लौटा जा सकता। जरूरत है कि जो समस्याएं पैदा हो रही हैं, उसकी सही तरीके से पहचान हो। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की भी यही मंशा है कि शैक्षिक संस्थानों में समस्याओं के समाधान के लिए अधिक से अधिक शोध हों। दो दिवसीय सेमिनार में लगभग 40 से अधिक शोध पत्र पढे़ गए। 

अमर उजाला के संपादक राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग है। सोशल मीडिया से जीवन का हर हिस्सा प्रभावित हुआ है। सोशल मीडिया के दौर में हमने निजता खो दी है, लेकिन इसने सूचना पाने की भूख बढ़ा दी है। अफवाहों, झूठी खबरों को जांचने के बाद ही इस पर भरोसा करें। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता पर विभाग को बधाई दी।  

दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता निघत अब्बास ने कहा कि आप पत्रकारिता का कोर्स नहीं कर रहे, बल्कि एक जिम्मेदारी ले रहे हैं। सोशल मीडिया ताकत के साथ जिम्मेदारी भी है। सोच समझ कर इसका प्रयोग करें। इस पर चल रहे प्रोपेगेंडा को समझना होगा, तथ्यों की पड़ताल आनी चाहिए। डीडी न्यूज के एंकर अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि सोशल मीडिया बड़ी ताकत है और इसका गहरा प्रभाव है। अब लोकतंत्र कभी खतरे में नहीं पड़ सकता क्योंकि सोशल मीडिया जनता की ताकत बन चुकी है। अब वास्तविक समय में सभी को सूचनाएं मिल रही हैं। गोल्डेन स्पैरो के निदेशक तिलक तंवर और ऑल इंडिया रेडियो की एंकर आरती मल्होत्रा ने भी विचार व्यक्त किए। वहीं डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया में गुण और दोष दोनों हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसका उपयोग कैसे करते हैं।    

उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता अमर उजाला के संपादक राजेंद्र सिंह ने  तथा संयोजन सहायक प्रवक्ता सूरज देव प्रसाद ने की। चौथे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता आईआईएमटी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र कुमार मिश्रा ने तथा संयोजन सहायक प्रवक्ता सोनाक्षी शर्मा ने की। 

सेमिनार के समापन सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र कुमार मिश्रा ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका हो गई है। इससे कोई बच नहीं सकता। यह टूल है जिसका बहुत सावधानी से उपयोग करना होगा। सोशल मीडिया का सतर्कता के साथ उपयोग करना होगा। 

सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. ममता भाटिया ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, शोधार्थियों, उपस्थित श्रोताओं, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक काम समाप्त किया है, अब अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। सेमिनार में पंजाब नेशनल बैंक, विद्या नॉलेज पार्क शाखा का भी योगदान रहा। अंत में सभी शोधार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन राष्ट्रगान से हुआ।  


कार्यक्रम का संचालन छात्रा अनुष्का त्यागी ने किया। इस मौके पर विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन, प्रबंध निदेशक विशाल जैन के साथ रजिस्ट्रार विजय कुमार दुबे, विद्या इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ.राजीव कुमार चेची, निदेशिका डॉ.अनिता कोटपाल एवं डॉ.विंकी शर्मा, डॉ.वसुधा शर्मा के साथ विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी चंद्रशेखर आर्य, शिल्पी यादव, डा.श्रुति सालवान, निमिषा राणा, तनिशा आहूजा, श्यामली पांडे, नेहा एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में तकनीकी रूप से एसिस्टेंट प्रोफेसर अविनाश कुमार, छात्र वासु आदि का योगदान रहा।  

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