सीधी में मानवता फिर शर्मसार, एंबुलेंस नहीं मिली तो परिजन ठेले पर ले गए शव

सीधी। राज्य सरकार भले ही नागरिकों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करती हो, लेकिन यदा-कदा ऐसे मामले सामने आ ही जाते हैं, जो सरकार के दावों की पोल खोल देते हैं। सीधी जिले में  मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। कहते हैं कि मरने वाले को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाना पुण्य का काम होता है, लेकिन सीधी जिले में श्मशान तक तो छोड़िए, शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस या कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं हो पाया। मजबूरी में परिजनों को शव को ठेले पर रखकर 15 किलोमीटर दूर अपने घर ले जाना पड़ा। किसी राहगीर ने इसका वीडियो और फोटो लेकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। जानकारी के अनुसार, सीधी जिले के चुरहट थाना अंतर्गत बम्हनी निवासी अशोक कोल 40 वर्ष कोतवाली इन्द्रानगर में किराए के मकान में रहकर मजदूरी करता था। शुक्रवार की रात अशोक की अचानक तबीयत खराब हो गई। परिजनों के अनुसार, अशोक कोल को उल्टी की शिकायत थी, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक अशोक की मृत्यु के बाद शव घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से वाहन की मांग की गई, लेकिन काफी देर तक गुमराह करने के बाद एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई गई। शव को घर ले जाने के लिए कोई अन्य वाहन भी नहीं मिला। इसके बाद परिजन शव को हांथ ठेले में रखकर घर ले गए। सीधी जिले में शव को कंधे में अथवा हांथ ठेले में रखकर ले जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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