जिला जेल में बंदियों ने सुनी श्रीराम कथा

कथाव्यास ने अपराध छोड़कर भगवान की शरण में जाने की दी सलाह 6 तक चलेगा आयोजन
मेरठ जिला जेल में बंदियों की मानसिक शांति और सद्गुणों के विकास और आध्यात्म से जोड़ने के लिए 29 जनवरी से 6 फरवरी तक श्रीराम कथा का आयोजन कराया जा रहा है। श्रीराम कथा वाचक प्रशांत महाराज बंदियों को अपराध छोड़कर भगवान की शरण में जाने की बात कहते हुए प्रवचन दे रहे हैं।
जिला कारागार मे बंदियों को अपराध से दूरी बनाने की सलाह देते हुए वरिष्ठ कारागार अधीक्षक राकेश कुमार जेल परिसर में श्रीराम कथा का आयोजन करा रहे हैं। कथा वाचक प्रशांत महाराज ने रविवार को राजा दशरथ के चारों पुत्रों भगवान श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न के विवाह का बड़े ही सुंदर ढंग से वर्णन करते हुए बताया कि सीता स्वयंवर में प्रभु श्रीराम ने शिवजी के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई तो समस्त जनकपुरी वासी सहित देवता, ऋषिधर और गणादिजनों ने भी मंगलगायन शुरू कर दिया। इस दौरान धूमधाम से राम विवाह संपन्न हुआ।
श्री राम कथा के दौरान जेल में 1500 पुरुष और महिलाएं बंदी उपस्थित रहीं। धार्मिक प्रसंगों के भक्ति भाव में लीन होकर गायन किया। वरिष्ठ कारागार अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कारागार में बंद बंदियों को अपराध छोड़कर अच्छे कार्य करने की सलाह दी जा रही है। इस दौरान वरिष्ठ अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि भगवान श्रीराम राजपाट को छोड़कर 14 वर्षों तक वनों में रहे। भगवान श्रीराम ने कभी भी राजपाट का मोह नहीं किया। इस दौरान वरिष्ठ अधीक्षक ने कहा कि हमें भी भगवान श्रीराम के बताए रास्तों पर चलकर गलत कामों से तौबा कर लेनी चाहिए।श्रीराम कथा के दौरान कारागार में जेल अधीक्षक मनीष कुमार, कारापाल राकेश वर्मा, अरविंद कुमार, उप कारापाल विक्रम सिंह यादव, पूजा मिश्रा, उप कारापाल पुरुषोत्तम शरण आदि मौजूद रहे।

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