गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच जरूरी 

सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच की सुविधा उपलब्ध 

- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर जनपद में 1325 गर्भवती की हुई जांच 

बुलंदशहर, 9 जनवरी 2023। जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस मनाया गया। आयोजित अभियान में स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच की गई। अभियान के तहत जांच में उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली 158 गर्भवती की पहचान हुई। शिविर में चिकित्सकों ने ऐसी गर्भवती को उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया, जिससे उन्हें समय से बेहतर इलाज मिल सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया- गर्भवती की प्रसव से पहले सभी जांच जरूरी हैं। जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर महीने की  नौ तारीख को गर्भवती की जांच के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसमें गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया सोमवार को जनपद के जिला अस्पताल सहित जनपद के 28 शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें शाम तक 1325 गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच की गई। उन्होंने कहा- सभी गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच होना आवश्यक है, जिससे समय पर जोखिम की पहचान कर मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। कार्यक्रम में गर्भवती को सही खान-पान के बारे में जानकारी दी गयी, जिससे जच्चा बच्चा सुरक्षित रह सके। सीएमओ ने कहा गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पहले सभी जांच जरूरी है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार सिंह ने बताया- जनपद में हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है जिसके तहत गर्भवती को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाता है। पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जांच की जाती है। 

उन्होंने कहा- स्वास्थ्य इकाइयों तक आने वाली अधिकतर गर्भवती संसाधन विहीन, वंचित समुदाय से तथा दूर दराज के गांवों से आती हैं। अतः प्रयास किया जाता है कि आने वाली समस्त गर्भवती को उसी दिन सभी जाँच (ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड) प्रदान की जायें, जिससे उन्हें बार-बार स्वास्थ्य इकाई पर न आना पड़े। यदि सम्बन्धित चिकित्सालय पर कोई जाँच उपलब्ध नहीं है, तो उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित कर सेवा प्रदान की जाती है। 

डिबाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ आनंद स्यान्न ने बताया- गर्भावस्था में जब जटिलताओं की संभावना अधिक होती है तो, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी (उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था) में रखा जाता है। इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। उन्होंने बताया आशा कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती को इस दिवस पर केंद्र पर लाकर उनकी जांच करवाएं।


जिला परामर्शदाता मातृ स्वास्थ्य हिमांशू सचदेवा ने बताया जनपद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर गर्भवती की जांच की गई है। अभियान के दौरान दूसरी व तीसरी तिमाही की गर्भवती पर फोकस किया जाता है। जांच के उपरांत उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया जाता है। उनकी स्थिति के हिसाब से उन्हें उच्च स्वास्थ्य केन्द्र पर रेफर किया जाता है।

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