घर-घर टीबी रोगी खोजने के लिए रवाना हुई स्वयं सेवकों की टीम

 रोजाना एक गांव में होगा 50 घरों का सर्वे

 अभियान के दौरान संभावित मरीजों के लिये जाएंगे बलगम के नमूने 

बुलंदशहर, 4 जनवरी 2022। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में टीबी मरीजों को खोजने के लिए कवायद शुरू हो गई है। जनपद के 10 अलग-अलग गांव में स्वयंसेवक घर-घर जाकर लक्षण के आधार पर टीबी के मरीजों का सर्वे करेंगे। अभियान के दौरान लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उनका उपचार शुरू कराया जाएगा। बुधवार को टीबी रोगी खोज अभियान का शुभारंभ जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. हेमंत रस्तोगी ने टीम के सदस्यों  को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। स्वयंसेवकों की टीम हर रोज गांव के 50 घरों का सर्वे कर रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड करेगी। 

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. हेमंत रस्तोगी ने बताया- वर्ष 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त बनाने के लिए अभियान तेज हो रहे हैं। बुधवार से जनपद के 10 गांव में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत घर घर जाकर टीबी मरीजों का सर्वे शुरू हुआ है। जनपद के दस अलग-अलग गांव में स्वयंसेवक घर घर जाकर लक्षणों के आधार पर संभावित मरीजों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजेंगे। अभियान के दौरान हर रोज एक स्वयंसेवक 50 घर का सर्वे करेगा। इसके बाद रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड करेगा। जनपद में हर रोज 500 घरों का सर्वे किया जाएगा । घरों की स्क्रीनिंग कर दौरान संभावित मरीजों की जांच की जाएगी। टीबी के संभावित मरीजों का बलगम का सैंपल जिला अस्पताल भेजा जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया- जनपद में स्वयंसेवक लक्षणों के आधार पर संभावित मरीजों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजेंगे। अभियान के दौरान दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बलगम में खून आना, लगातार बुखार रहना आदि लक्षण वाले लोगों को चिह्नित करेंगे। जांच में जो भी व्यक्ति टीबी रोग से संक्रमित पाया जाएगा, उसका उपचार शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया - टीबी रोगी को निक्षय योजना के तहत 500 रुपये प्रति महीने पोषण के लिए दिये जाते हैं। यह राशि  मरीजके बैंक खाते में सीधे भेजे जाते हैं।

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