माहवारी के दौरान सेनेटरी नेपकिन का ही प्रयोग करें : सीएमओ

-          छात्र अपने माता - पिता को बताएं प्रसव पूर्व लिंग जांच गैर कानूनी है

-           आरएसके इंटर कॉलेज, सिंभावली में हुआ किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन

 

हापुड़/ सिंभावली,  किशोर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान के क्रम में शनिवार को आरएसके इंटर कॉलेजसिंभावली में “किशोर स्वास्थ्य मंच” का आयोजन किया गया। इस मौके पर किशोर स्वास्थ्य पर वाद -विवाद प्रतियोगिता और पोस्टर प्रतियोगिता एवं रंगोली प्रतियोगिता की थीम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रही। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत बृहद स्वास्थ्य परीक्षण कैंप का भी आयोजन किया गया।

सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी ने कॉलेज के छात्र- छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा - समाज में व्याप्त भ्रांतियों के प्रति अपने बड़ों को शिक्षित करने का काम करें। यदि किसी बच्चे के मन में नकारात्मक विचार आते हैं तो चिकित्सकीय परामर्श लें। ऐसा मानसिक रोगों के कारण होता हैझाड़ - फूंक वालों की चक्कर में न पड़ें। उन्होंने कहा - माहवारी पर छात्राएं अपनी शिक्षक से बात कर सकती हैंघर में अपनी मां या बड़ी बहन से भी बात की जा सकती हैया फिर डाक्टर के पास जाएं। माहवारी के दौरान साफ - सफाई का विशेष ध्यान रखें, सेनेटरी नेपकिन का ही प्रयोग करें, गंदा कपड़ा इस्तेमाल करने से फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है। माहवारी के संबंध में बात करने में संकोच न करें।

सीएमओ ने छात्र - छात्राओं से लिंग भेद के मामले में भी भूमिका निभाने की अपील की। वह अपने माता - पिता को बताएं कि प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण कराना गैर कानूनी है। बेटे और बेटी में भेद न करें। बेटियों के पोषण का विशेष ध्यान रखेंआगे चलकर बेटियां ही परिवार के स्वास्थ्य का आधार बनती हैं। आरबीएसके से डीईआईसी मैनेजर मयंक चौधरी ने बताया - कार्यक्रम में छात्र - छात्राओं को एनीमिया और पोषण के बारे में जानकारी दी गई। एनीमिया शरीर में खून की कमी से होता है। छात्राओं का हीमोग्लोबिन कम से कम 12 एमजी होगना चाहिएयदि किसी किशोरी का हीमोग्लोबिन इससे कम है तो वह एनीमिया की शिकार है। इसके लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लें और साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र या स्कूल से मिलने वाली आईएफए की गोली को सेवन नियमित रूप से करें। नीली गोली चाय या कॉफी के साथ नहीं लेनी है। 

आरबीएसके की ओर से आयोजित बृहद स्वास्थ्य परीक्षण कैंप में हीमोग्लोबिन की जांच की गई। कार्यक्रम के दौरान क्षय रोग विभाग से जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा और एसटीएस गजेंद्र पाल सिंह ने क्षय रोग के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में एमओआईसी डा. अमित बैंसलाआरबीएसके से डा. नेक सिंहडा. कंचनफिजियोथेरेपिस्ट राकेश कुमार और किरण देवी की सक्रिय भूमिका रही।

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