मां गंगा से गहरा नाता : पीएम

बोले- 'नमामि गंगे' ने जैव विविधता में सुधार में की
नई दिल्ली (एजेंसी)।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वर्ष 2022 के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम में लोगों से अपने मन की बात की। जहां उन्होंने 'नमामि गंगे' अभियान को विश्व के शीर्ष 10 अभियानों के रूप में स्वीकार करने की संयुक्त राष्ट्र की घोषणा का स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा कि इस अभियान से जैवविधिता सुधर रही है और इसका अन्य क्षेत्रों में भी लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, दुनिया द्वारा इसकी व्यापक रूप से सराहना की जा रही है।
पीएम मोदी ने 'मन की बात' के 96वें संस्करण में मां गंगा के साथ भारत की परंपरा और संस्कृति के अटूट नाते का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 'नमामि गंगे' पहल के बाद हिमालय से निकलने वाले देश की इस प्रमुख नदी में जल-जीव और मछलियों की संख्या बढ़ रही है। पीएम ने बताया, 'नमामि गंगे मिशन ने जैव विविधता में सुधार करने में भी मदद की है। गंगा जैसी हमारी नदियों को स्वच्छ रखना हमारी पूरी जिम्मेदारी है। गंगा का पारिस्थितिकी तंत्र स्वच्छ होने के साथ, अन्य आजीविका के अवसर भी बढ़ रहे हैं।'
जलज आजीविका मॉडल पर पीएम ने डाला प्रकाश
पीएम मोदी ने कहा, 'यहां मैं 'जलज आजीविका मॉडल' पर प्रकाश डालना चाहूंगा, जिसे जैव विविधता का सम्मान करने के लिए तैयार किया गया है। क्योंकि हिलसा मछली, गंगा डॉल्फिन और कछुआ की विभिन्न प्रजातियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।' संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में स्वच्छ गंगा नदी के कार्यक्रम को पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने के लिए दुनिया की शीर्ष 10 पहलों में शामिल किए जाने पर उन्होंने गर्व व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारी संस्कृति और परंपराओं का मां गंगा से गहरा नाता है। गंगादूत, गंगा प्रहरी का विशेष धन्यवाद, जिन्होंने गंगा के मैदानों में वृक्षारोपण, घाटों की सफाई, गंगा आरती, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग और कविताओं के माध्यम से जागरूकता पैदा करके स्वच्छता और स्वच्छता के लिए योगदान दिया। यह पुरस्कार नमामि गंगे परियोजना के महानिदेशक जी. अशोक कुमार ने 15 दिसंबर को विश्व बहाली दिवस पर मॉन्ट्रियल, कनाडा में जैव विविधता पर सम्मेलन (सीबीडी) के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन (सीओपी15) में एक समारोह के दौरान प्राप्त किया।
पीएम मोदी ने कहा, 'जब हमारे संकल्प की शक्ति मजबूत होती है, तो बड़ी से बड़ी चुनौती भी आसान हो जाती है, उन्होंने कहा कि त्सोमगो झील की सफाई का वहां सांस्कृतिक महत्व है। 'आज अगर आप त्सोमगोलेक देखने जाएं तो आपको वहां चारों तरफ कचरे के बड़े-बड़े डिब्बे मिल जाएंगे। अब यहां इकट्ठा होने वाले कचरे को रिसाइकिल करने के लिए भेजा जाता है। यहां आने वाले पर्यटकों को कपड़े से बने कचरे के थैले भी दिए जाते हैं ताकि कूड़ा न हो।'


कोरोना को लेकर लोगों को किया सतर्क

नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को लोगों से सतर्क रहने और कोविड-19 के खिलाफ सावधानी बरतने को कहा, क्योंकि उन्होंने कहा कि वायरस कई देशों में फैल रहा है। साल के अपने अंतिम 'मन की बात' प्रसारण में पीएम मोदी ने लोगों से मास्क पहनने और हाथ धोने जैसे प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वायरस से उनके आनंद पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
उन्होंने कहा कि आप भी देख रहे हैं कि दुनिया के कई देशों में कोरोना बढ़ रहा है। इसलिए हमें मास्क और हाथ धुलने जैसी सावधानियों का और ज्यादा ध्यान रखना है। हम सावधान रहेंगे, तो सुरक्षित भी रहेंगे और हमारे उल्लास में कोई रूकावट भी नहीं पड़ेगी।

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