राजस्थान में संजीवनी बनी भारत जोड़ो यात्रा

- रमेश सर्राफ धमोरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा से राजस्थान में कई गुटों में बंटी कांग्रेस जहां एकजुट हुई है वहीं संगठन की दृष्टि से भी मजबूत हुई है। एक तरह से कहा जाए तो राजस्थान कांग्रेस के लिए यह पदयात्रा संजीवनी साबित हो रही है। राजस्थान विधानसभा के अगले चुनाव में एक वर्ष से भी कम समय रह गया है। प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल बना हुआ था। जिसे राहुल गांधी की पदयात्रा ने काफी हद तक कम करने का काम किया है। अब लगने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को चुनावी मुकाबले में कांग्रेस से कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा।
चार दिसंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा ने राजस्थान के झालावाड़ जिले से प्रदेश में प्रवेश किया था। झालावाड़ जिला पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ रहा है। वहां से राजे व उनके पुत्र दुष्यंत सिंह लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। झालावाड़ से अभी वसुंधरा के पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद हैं। जिले की चारों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। लंबे समय से कांग्रेस झालावाड़ जिले में प्रभाव जमाने में नाकामयाब रही है। लेकिन राहुल गांधी की पदयात्रा को वसुंधरा राजे के प्रभाव वाले इलाके में जो जनसमर्थन मिला, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस पहले से अधिक मजबूत होकर उभरेगी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रूट को कुछ इस ढंग से बनाया गया था जिससे भाजपा के बड़े नेताओं के प्रभाव वाले क्षेत्रों से होकर पदयात्रा गुजरे ताकि वहां कांग्रेस की जमीन मजबूत हो सके।



राजस्थान में राहुल गांधी की पदयात्रा झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, टोंक, दौसा, अलवर जिलों से होकर गुजर रही है। अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जहां सीधे आम लोगों से संवाद स्थापित किया। वहीं कई मौकों पर निर्धारित कार्यक्रम से अलग हटकर लोगों से मिलते नजर आए। राहुल गांधी की पदयात्रा के दौरान हजारों की संख्या में लोग बड़े उत्साह के साथ शामिल होते रहे हैं। राहुल गांधी की पदयात्रा में सबसे अधिक क्रेज युवा वर्ग में देखने को मिला। पूरे रास्ते युवक राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होते रहे। राहुल गांधी ने भी युवाओं के साथ बातचीत करने व सेल्फी लेने में जरा भी कंजूसी नहीं बरती। वह हर जगह लोगों से खुल कर मिलते रहे। कई स्थानों पर तो वह लोगों के साथ बैठकर नुक्कड़ की दुकानों पर चाय पीते नजर आए तो कहीं खेतों में महिलाओं संग चारा काटने लगे। इस पदयात्रा से आमजन में कांग्रेस के प्रति एक सकारात्मक माहौल बना है। जिसका लाभ निश्चय ही आने वाले चुनाव में कांग्रेस को मिलेगा।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई दिनों तक राजस्थान में रहने के कारण राहुल गांधी ने राजस्थान के अधिकांश नेताओं से व्यक्तिगत बातचीत कर फीडबैक लिया है। जिससे उनको राजस्थान की वास्तविक स्थिति का भी ज्ञान हो गया है। राजस्थान कांग्रेस को एकजुट करने का जो काम कांग्रेस आलाकमान नहीं कर पा रहा था। वह काम राहुल गांधी की पदयात्रा से अपने आप ही होता नजर आ रहा है। अपनी राजस्थान यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कांग्रेस के सभी नेताओं को संदेश दिया है कि एकजुट होकर अगले विधानसभा चुनाव में उतरें और फिर से सरकार बनाएं।
भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर राहुल गांधी ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि राजस्थान में चिरंजीवी योजना की लोग तारीफ कर रहे हैं। राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुटों के बीच चल रही बयानबाजी को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदर लोकतंत्र है। इसलिए अगर कोई अपनी बात रखना चाहता है तो कांग्रेस पार्टी में उसे दबाया नहीं जाता है। सभी लोग मिलकर काम करते हैं। कोई भी नेता ऐसा बयान ना दे जिससे पार्टी को नुकसान हो। उन्होंने कहा कि अगर कार्यकर्ता ने अच्छा काम किया तो जरूर फिर सरकार बनेगी। हिमाचल के परिणाम सामने हैं। कांग्रेस को कम करके नहीं आंकें। उन्होंने कहा कि पार्टी का आम कार्यकर्ता जो सड़क पर लड़ता है उसको हमें प्राथमिकता देनी है।
राजस्थान में अपनी पद यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी को एकजुट करने का बड़ा काम कर दिया है। उसके बाद अब राजस्थान के नेताओं को भी एकजुट होकर जनता के बीच जाना चाहिए और लोगों को पार्टी में ऑल इज वेल का संदेश देना चाहिए। तभी अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा का मुकाबला कर पाएगी। वरना कुछ दिनों पूर्व प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं की जो स्थिति थी, उस स्थिति में तो कांग्रेस का फिर से जीत पाना मुश्किल लग रहा था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के सबसे बड़े नेता और सरकार के मुखिया हैं। उनकी जिम्मेवारी बनती है कि वह सचिन पायलट या अन्य किसी नेता के खिलाफ गैर जरूरी बयानबाजी नहीं करें और सबको साथ लेकर चलें। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान आम जन से जो वादे किए थे उनको भी हर हाल में पूरा करें। किसानों की कर्ज माफी, युवाओं को रोजगार, संविदा कर्मियों को नियमितीकरण, नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देने जैसे कार्य अभी पूरे नहीं हुए हैं। प्रदेश के लोगों को मात्र 50 यूनिट तक ही फ्री बिजली दी जा रही है। जबकि कांग्रेस अन्य प्रदेशों में चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में 300 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली देने का वादा करती है। ऐसे में राजस्थान के लोगों को भी 300 यूनिट तक प्रतिमाह मुफ्त बिजली देनी चाहिए। इसके अलावा स्नातक तक पढ़े लिखे सभी युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए।
राजस्थान में किसानों का मात्र सहकारी बैंकों के अल्पकालिक ऋण का ही कर्जा माफ हुआ है। जबकि बड़ी राशि का कर्जा तो राष्ट्रीयकृत बैंकों में लंबित चल रहा है। इस दौरान प्रदेश में हजारों किसानों की बैंकों द्वारा खेती की जमीन को कुर्क कर दिया गया है। इन सब बातों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समय रहते निवारण करना चाहिए। अकेले सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की योजना की बहाली से ही चुनाव नहीं जीत पाएंगे।
जब तक प्रदेश के सभी मतदाताओं का दिल नहीं जीता जाएगा तब तक किसी भी पार्टी के लिए सरकार बनाना आसान नही होगा। ऐसे में कांग्रेस को अभी से अपने सभी पुराने वादों पर अमल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।

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