टीबी मुक्त भारत में निक्षय मित्र की भूमिका कारगर :-डीटीओ

1213 क्षय रोगियों को गोद लेकर 206 निक्षय मित्र बने
निक्षय मित्र प्रदान कर रहे पोषण के साथ भावनात्मक और सामाजिक सहयोग

मेरठ,21 नवम्बर 2022।वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिये निक्षय मित्र की भूमिका काफी कारगर साबित हो रही है। जिला क्षय रोग अधिकारी डीटीओ डा. गुलशन राय ने बताया वर्ष 2022 में जनपद में अब तक 206 निक्षय मित्र बनाए गए हैं, जो 1213 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार के साथ भावनात्मक व सामाजिक सहयोग उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने अन्य सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और लोगों से भी क्षय रोगियों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है।
डा. राय ने बताया. क्षय रोगियों को गोद लेकर भावनात्मक और सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराए जाने के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे बीच में उपचार छोड़ देने की समस्या पर काफी हद तक अंकुश लगा है। उन्होंने बताया.निक्षय मित्र मिलने से टीबी रोगियों का हौंसला बढ़ जाता है, जब उन्हें यह पता लगता है कि परिवार के अलावा भी ऐसे लोग समाज में हैं जो उनकी परवाह करते हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता करते हैं और वह नियमित रूप से दवा खा रहे हैं या नहीं, इस बारे में पूछते हैं। कई लोगों की आर्थिक स्थिति ऐसे नहीं होती कि वह उच्च प्रोटीन युक्त पोषाहार प्राप्त कर सकें।




 निक्षय मित्र बनकर बढ़ारहे टीबी मरीजों का हौसला
 जिला ड्रग्स एंड केमिस्ट, वीराना फाउंडेशन, ग्रामीण समाज विकास केन्द्र,बेटियां फाउंडेशन,सारथी वेलफेयर सोसाइटी, आदि सामाजिक संस्थाएं निक्षय मित्र बन कर टीबी मरीजों काहौसला बढ़ा कर उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ रही हैं। उन्होंने बताया निक्षय पोषण योजना के तहत विभाग की ओर से उपचार चलने तक हर माह पांच सौ रुपए बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर किये जाते हैं वहीं निक्षय मित्र हर माह पुष्टाहार उपलब्ध करा रहे हैं।  

जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम ने बताया जनपद में मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत 134 चिकित्सक व 60 फार्मासिस्ट सहित कुल 206 निक्षय मित्र पंजीकृत हो चुके हैं।इसके अलावा 13 एनजीओ और सात संस्थान क्षय रोगियों की मदद के लिए आगे आए हैं। यह सभी क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार के साथ ही भावनात्मक और सामाजिक सहयोग उपलब्ध करा रहे हैं। निजी अस्पतालों को निक्षय मित्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
  पहले थे टीबी मरीज अब निभा रहे चैम्पियन की भूमिका
  जिला समन्वयक नेहा सक्सेना ने बताया जिले में कुछ टीबी मरीज ठीक होने के उपरांत अभी टीबी चैंपियन की भूमिका निभा रहे है। टोली बनाकर टीबी जागरूकता अभियान चला रहे हैं। टोली में चार महिलाएं भी शामिल हैं।

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