राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने टीबी मरीजों को प्रदान की पोषण सामग्री

टीबी जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं, इलाज बीच में न छोड़ें : डॉ. लोकेश चंद


मुजफ्फरनगर, 14 नवंबर 2022।देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग  (टीबी) मुक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने सोमवार को टीबी के पांच मरीजों को पोषण सामग्री प्रदान की।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया  राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने सोमवार को टीबी के पांच मरीजों को पोषण सामग्री प्रदान की। लोगों को टीबी से मुक्त करने के लिए अभियान जोरों पर है। उन्होंने बताया टीबी का उपचार बीच में छोड़ देने पर मल्टी ड्रग रजिस्टेंस (एमडीआर) टीबी हो जाती है। इसलिए कहा जाता है कि एक बार टीबी का उपचार शुरू होने पर बीच में दवा खाना न छोड़ें। चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लेना बंद करें। एमडीआर टीबी पीड़ितों का उपचार थोड़ा कठिन और लंबा हो जाता है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग के पास एमडीआर का भी निशुल्क उपचार उपलब्ध है,।लेकिन मरीजों को अतिरिक्त देखरेख की जरूरत होती है, इसलिए उन्होंने खुद एमडीआर टीबी से ग्रसित तीन बच्चों को गोद लिया है। उन्होंने बताया इस संबंध में विभिन्न संगठन सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं और टीबी मरीजों को गोद ले रहे हैं।

क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक सहबान उल हक ने बताया- जिले में 6489 टीबी मरीजों को खोजा गया। इनमें से 1524 मरीज ठीक हो गए हैं। टीबी विभाग का यह कार्य युद्ध स्तर पर जारी है जो लगातार चलता रहेगा। उन्होंने बताया तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी,लगातार बुखार रहना, सीने में दर्द होना, बलगम में खून आना टीबी रोग के लक्षण हैं। इन लक्षणों वाले लोग क्षय रोग केन्द्र पर टीबी की जांच अवश्य करवाएं। उन्होंने बताया साधारण टीबी का उपचार कम से कम छह माह तक लगातार चलता है। कोई भी मरीज बिना चिकित्सक की सलाह के दवा बीच में न छोड़े, दवा बीच में छोड़ने से टीबी बिगड़ जाती है।

जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर प्रवीन कुमार ने बताया यदि किसी को टीबी जैसा कोई भी लक्षण नजर आता है तो वह तुरंत इसकी जांच करवाएं और जिला अस्पताल में इसकी निशुल्क जांच होती है।

टीबी के लक्षण:-

– दो से तीन सप्ताह तक लगातार खांसी होना। 

-खांसी के साथ खून आना।

– सीने में दर्द या सांस लेते समय दर्द

-तेजी से वजन कम होना।

-रात में पसीना आना।

-बहुत ज्यादा थकान होना।

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