डूबते सूर्य को दिया श्रद्घालुओं ने अर्घ्य

गंगोल तीर्थ छठ मैया के गीतों से हुआ गुंजायमान
 पुलिस का रहा कडा बंदोबस्त  
मेरठ। परतारपुर स्थित गंगोल तीर्थ स्थल पर रविवार को बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने डूबते सूरज को अर्घ्य दिया सोमवार को सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प पूरा होगा।
 रविवार को दोपहर से ही गगोल तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी आरंभ हो गयी। बड़ी संख्या में महिलाओं व बच्चों ने पहुंच कर शाम चार बजे के बाद डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। गगन स्थित तीर्थ स्थल पर सुरक्षा की दृष्टि . से महिला व पुरुष कर्मियों को तैनात किया गया। साफ सफाई के नगर निगम की टीम लगी हुई थी।



शाम होते ही तीर्थ स्थल पर पैर रखने के लिये जगह नहीं मिली। तीर्थ स्थल पर आयी महिलाओं ने जिसमें अधिकतर पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार जिले थी। जिनके पति व बेटे यहां पर नौकरी व अन्य कार्य कर रहे है। डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। मेले में पहुंची महिलाओं को कहना था कि सूर्य देव की उपासना से अक्षय फल प्राप्त होता है। माता सीता जी को सूर्य देव की उपासना से फल प्राप्त हुआ। महाभारत में भी सत्य की अनुसरण करने वाले सूर्य देव के कृपा पात्र बने । आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि सृष्टि  की आत्मा सूर्य है। सूर्य देव को प्रात:में अर्घ्य देने से तेज की वृद्धि होती है इसके अतिरिक्त शरीर भी रोग मुक्त हो जाता है।
 गगोल तीर्थ पहुंचे श्रद्धालुओं उदय प्रताप पांडे ने बताया कि छठ का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व पुत्र के लिये मनाया जाता है। माताएं व बहने तीन दिन का निर्जला व्रत रखती है। ढलते हुए सूरज और उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। उन्होंने बताया विशेष रूप से महिलाओं को पर्व है। पर्व का महत्व मन की सफाई,घर की सफाई से है। पर्व पर तीन दिन पूजा होती है।

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