खाने में हो फाइबर का खजाना

घर और ऑफिस के कार्यों में हम इतना अधिक व्यस्त होते हैं कि हमें सेहत के महत्व का ध्यान नहीं रहता है। लेकिन यदि जिंदगी में आगे बढ़ना है तो खान-पान पर भी ध्यान देना होगा, नहीं तो पता भी नहीं चलेगा कि हमें कब और क्या बीमारी लग गई। ऐसे में पेट को सही रखना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए जरूरी है कि अपने खान-पान पर पूरा ध्यान दिया जाए। हम अपनी खुराक में पर्याप्त मात्रा में रेशेदार खाद्य पदार्थ यानी फाइबर लें। पाचन तंत्र को दुरूस्त रखने के लिए फाइबर बेहद आवश्यक है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से हम कब्ज से बचे रहते हैं। पेट और आंतों की सफाई आसानी से हो जाती है। इससे हम पेट की बीमारियों से भी बच पाते हैं।
फाइबर की उपयोगिता
फाइबर से शरीर को ऊर्जा की प्राप्ति होती है। फाइबर युक्त पदार्थों के सेवन से भूख कम लगती है, जिससे वजन भी कंट्रोल में रहता है। फाइबर दो तरह का होता है घुलनशील और अघुलनशील। यह फलों में भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। अक्सर लोग अपनी डाइट में सब्जी, अनाज, दालों, फलियों, बीजों को तो प्रतिदिन शामिल करते हैं, लेकिन फलों के सेवन को नजरअंदाज कर देते हैं। कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है।
सेब
सेब में फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। साथ ही आयरन की भी बहुत मात्रा में पाया जाता है जिससे खून की कमी नहीं होती है। इसके सेवन से डायबिटीज, हार्ट डिजीज, अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाव हो सकता है। सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन सी, ई, बीटा-कैरोटीन आदि पोषक तत्व होते हैं। सेब साबुत खाएं, इसका जूस पिएं या फिर फ्रूट सलाद के रूप में खाएं, हर तरह से पेट की समस्या से बचे रह सकते हैं।
फ्लेक्स बीज
फलेक्स सीड्स में फाइबर की मात्रा 3.3 ग्राम प्रति टेबल स्पून होती है। फ्लेक्स के बीज में पोषक तत्वों की भी भरपूर मात्रा होती है। उनमें प्रोटीन, थायमिन, मैंगनीज, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, तांबा, ओमेगा -3 फैटी एसिड और फाइबर होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।
केला
केला भी एक ऐसा फल है जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। साथ ही इसमें विटामिन सी, बी6, पोटेशियम आदि कई पोषक तत्व होते हैं। कच्चे केले में भी प्रतिरोधी स्टार्च की मात्रा होती है। यह एक प्रकार का इंडाइजेस्टेबल कार्बोहाइड्रेट है, जो फाइबर की तरह कार्य करता है। एक मध्यम साइज के केले में लगभग 3.1 ग्राम फाइबर होता है।
अनार
अनार खाने से खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है, जिससे एनीमिया की समस्या नहीं होती है। अनार में एंटीकार्सिनोजेनिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइनफ्लेमेटरी तत्व मौजूद होते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर, सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरग्लाइसेमिया आदि रोगों के होने की संभावना को कम कर सकते हैं। अनार में फाइबर, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम आदि होते हैं, जो सेहतमंद रहने के लिए जरूरी हैं।
मटर की दाल
मटर की दाल में फाइबर सामग्री 163.3 ग्राम प्रति कप होती है। मटर की दाल प्रोटीन और फाइबर से भी भरी हुई होती है। मटर सूप और दाल के रूप में उपयोग हो सकते हैं।
नाशपाती
फाइबर सामग्री की मात्रा प्रति फल 55.5 ग्राम होती है। नाशपाती के फल में ओमेगा -6 फैटी एसिड होता है, जो कोशिकाओं को, मस्तिष्क और नसों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
गाजर
गाजर वैसे एक रूट वेजिटेबल है, लेकिन इसमें भी फाइबर काफी होता है। पोषक तत्वों से भरपूर गाजर में विटामिन बी6, के, बीटा कैरोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, मैग्नीशियम होते हैं। गाजर आप कच्चा भी खा सकते हैं। इसका जूस पिएं, सलाद में खाएं, हर तरह से शरीर को कई लाभ होंगे। प्रत्येक 100 ग्राम गाजर में लगभग 2.8 ग्राम फाइबर होता है।
ज्यादा पानी की जरूरत
फाइबर वाले खाद्य पदार्थ यदि आप अपने भोजन में ज्यादा शामिल करने लगें तो शरीर को कुछ अधिक पानी की जरूरत पड़ती है। वजह यह है कि फाइबर पानी को सोखता है। यदि रेशेदार चीजें जैसे चोकर व साबुत अनाज ज्यादा खाने लगें तो शरीर में पानी की कमी महसूस हो सकती है। इसलिए जब फाइबर की मात्रा भोजन में बढ़ाएं तो पाचन प्रणाली को पानी से भी तर रखें।

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