वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन की रूड़ी संदेशा व्यवहार परियोजना तकनीक के उपयोग द्वारा UP की ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के अवसर देकर बना रही है सशक्त


मेरठ । सीतापुर के नेरी गांव में रहने वाली किरण गुप्ता अपने परिवार में कमाने वाली अकेली सदस्य हैं। वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन के रूड़ी संदेशा व्यवहार प्रोग्राम (आरएसवी) ने किरण को आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाया। आज वह घर-घर जाकर सेवाएं प्रदान करने वाली रूड़ी सेल्स महिलाएं हैं और रु 40,000 महीना तक कमा लेती हैं। उन्होंने अकेले काम करते हुए अपनी बेटी की शादी के लिए पैसा बचाया और अपने छोटे बेटे के लिए कार भी खरीदी, जब अब टैक्सी ड्राइवर है। 

आरएसवी प्रोजेक्ट के प्रभाव पर बात करते हुए पी बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एण्ड कॉर्पोरेट अफे़यर्स ऑफिसर, वीआईएल एवं डायरेक्टर, वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन ने कहा‘ ‘मोबाइल तकनीक के उपयोग से आम लोगों का जीवन, कारोबार करने का तरीका बदल गया है। समाज में असंख्य बदलाव आए हैं। वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन आधुनिक तकनीक के उपयोग द्वारा देश के समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। महिला सशक्तीकरण हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारा मानना है कि महिलाएं ही समाज में बदलाव लाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाा सकती हैं। मोबाइल तकनीक पर आधारित हमारा यह समाधान रूढ़ी संदेशा व्यवहार, महिलाओं को आजीविका की सुरक्षा देता है। यह महिलाओं को डिजिटल और आर्थिक साक्षरता सिखाकर उनमें आत्ममविश्वास उत्पन्न करता है, उनकी उत्पादकता बढ़ाता है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाता है। गुजरात से प्रोग्राम की शुरूआत करने के बाद हमें खुशी है कि हम उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी इसका विस्तार कर रहे हैं और देश की ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं।’

किरण की तरह उत्तर प्रदेश में लखनऊ, फिरोज़ाबाद, रायबरेली और बाराबंकी की 1800 से अधिक महिलाओं को वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन की रूड़ी संदेशा व्यवहार पहल से लाभ हुआ है। रूड़ी संदेशा व्यवहार की अवधारणा रूड़ी बेन्स (ग्रामीण महिलाओं) की समस्याओं को हल करने के लिए की गई, जो कृषि आधारित खाद्य उत्पाद खरीद कर उपभोक्ताओं को समय पर बेचती हैं।

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